बसपा नेत्री का तंज- माताओं-बहनों का सुहाग उजाड़ने का काम कर रही है यूपी

लखनऊ. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बसपा (BSP) के प्रबुद्ध सम्मेलनों की कमान जहां एक तरफ सतीश चंद्र मिश्रा थामे हुए हैं. पूरे उत्तर प्रदेश में भ्रमण करके जनता को बहुजन समाज पार्टी की तरह आकर्षित करने के लिए सतीश चंद्र मिश्रा एड़ी चोटी का जोर लगाए हैं तो वहीं दूसरी तरफ उनकी पत्नी भी महिलाओं को बसपा से जोड़ने के लिए कार्यक्रम कर रही हैं. लखनऊ कार्यालय पर महिला प्रबुद्ध सम्मेलन का आयोजन सतीश चंद्र मिश्रा की पत्नी कल्पना मिश्रा ने किया. उनके साथ बसपा के पूर्व मंत्री नकुल दुबे, सुमन मिश्रा और तमाम नेता मौजूद रहे.

इस सम्मेलन में बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित हुई. कल्पना मिश्रा ने कहा कि जिस तरह सतीश चंद्र मिश्र जी ब्राह्मण वर्ग को एकजुट करने के लिए हर जनपद में जा रहे हैं. पत्नी होने के नाते मेरा भी नैतिक कर्तव्य है कि इस काम में मैं उनका सहयोग करूं. उन्होंने कहा कि आप सब ने मायावती का शासनकाल देखा है, जहां हमारी बहन बेटियों को आवश्यकता पड़ने पर देर रात भी घर से निकलने में कोई हिचक नहीं होती थी और निडर होकर अपना सब काम करती थी, लेकिन मौजूदा भाजपा सरकार में हमारी बहू बेटियां अपने को असुरक्षित महसूस कर रही हैं.

लूट और हत्या का आरोप
कल्पना मिश्र ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में लूट डकैती हत्या बलात्कार जैसे अपराध आम हो गए हैं. इससे पहले सपा की सरकार में भी कानून व्यवस्था का यही हाल था. उन्होंने आरोप लगाया आज प्रदेश में अराजकता का माहौल है. ब्राह्मण समाज के तमाम लोगों की एनकाउंटर के नाम पर हत्या की जा रही है. उनके परिवार में मां-बाप पत्नी उनके बच्चों को कोई पूछने वाला नहीं है. एक जाति विशेष के लोगों पर अत्याचार चरम पर है. उन्होंने कहा कि तथाकथित अपराधी के नाम पर ब्राह्मण परिवारों के चिराग बुझा दिए जा रहे हैं. अगर कोई अपराधी है तो उसे पकड़कर जेल में डालें और उस पर नियमानुसार मुकदमा चलाएं. अगर वास्तव में उसने अपराध किया है तो उसे न्यायालय दंड देगा, लेकिन यह सरकार हमारी माताओं बहनों का सुहाग उजाड़ने का काम कर रही है.

रसोई गैस के दाम बढ़े
भाजपा सरकार पर तीखे प्रहार करते हुए कल्पना मिश्रा ने कहा कि भाजपा सरकार झूठे वादे करने के लिए मशहूर है. मौजूदा समय में महंगाई रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं रसोई गैस सिलेंडर 900 के पार है. गरीब और मध्यम परिवार के लोगों को अपना घर चलाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि जो दिन नारे लगाते थे हर दिन नारे लगाते थे और कहते थे कि देश नहीं मिटने दूंगा वह आज सभी सरकारी संपत्तियों को खुद बेच रहे हैं.

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