मेहुल चोकसी के अपहरण में था भाई का हाथ? एंटीगा के PM ने विपक्ष पर लगाए ये आरोप
भारत के बैंक में 13 हजार करोड़ रुपये का घोटाला करके फरार हुआ भगोड़ा कारोबारी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) इस वक्त डोमिनिका की जेल में बंद है. भारतीय एजेंसियां उसे वापस लाने की कोशिशों में जुटी हैं. इस बीच एंटीगा और बारबुडा के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन (Gaston Browne) ने एक बार फिर मेहुल चोकसी को भारतीय नागरिक बताते हुए उसे सीधे भारत भेजने पर जोर दिया है. ब्राउन ने विपक्ष संयुक्त प्रगतिशील पार्टी (UPP) पर चोकसी को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. ब्राउन के मुताबिक, यूपीपी ने चोकसी की सुरक्षा के बदले उसके साथ चुनावों में राजनीतिक अभियान की फंडिंग के लिए सौदा किया था.
वहीं, ऐसी भी खबरें हैं कि मेहुल चोकसी का भाई चेतन चीनू चोकसी (Chetan Choksi) भी 29 मई को प्राइवेट जेट से डोमिनिका पहुंच गया था. उसने वहां के विपक्ष के नेता लेनोक्स लिंटन से मुलाकात की थी. एसोसिएट्स टाइम्स का दावा है कि चेतन चोकसी ने डोमिनिका के विपक्षी नेता लेनोक्स लिंटन को घूस के तौर पर 2 लाख अमेरिकी डॉलर दिए हैं. हालांकि, एंटीगा और बारबुडा के प्रधानमंत्री इससे इत्तेफाक नहीं रखते. उन्होंने विपक्ष पर ही बड़े आरोप लगाए हैं.
ब्राउन का दावा- चोकसी ने UPP के सदस्य को बनाया अपना वकील
एंटीगा और बारबुडा के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन (Gaston Browne) ने CNN-News18 को बताया, ‘मेहुल चोकसी ने अपने वकील बदल लिया है. उसने यूपीपी के एक प्रसिद्ध सदस्य जस्टिन साइमन को अपना वकील हायर किया है, जो यूपीपी के तहत पूर्व अटॉर्नी जनरल हैं. हमारे पास विश्वसनीय अधिकारियों की रिपोर्ट है कि यूपीपी ने अपने इलेक्शन कैंपेनिंग की फंडिंग के एवज में चोकसी को सुरक्षा देने का वादा किया था. इसलिए विपक्ष इतना उग्र होकर कह रहा है कि चोकसी को डोमिनिका से भारत नहीं भेजा जाना चाहिए, बल्कि एंटीगा वापस भेज दिया जाना चाहिए, ताकि वह नागरिकता के संवैधानिक संरक्षण के पीछे छिपना जारी रख पाए.’
विपक्ष को लेकर ब्राउन ने कहा, ‘डोमिनिका सरकार से चोकसी को सीधे भारत भेजने का मेरा अनुरोध करना चोकसी के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है; विपक्ष का ये तर्क बिल्कुल बेतुका है. मेरे प्रशासन ने हमेशा ईमानदारी के साथ काम किया है. हम उसे सीधे भारत भेजने के लिए भारत और डोमिनिका की सरकारों के साथ सहयोग करना जारी रखेंगे.’
डोमिनिका में अवैध विदेशी के तौर पर चोकसी को कोई अधिकार नहीं
प्रधानमंत्री ब्राउन के अनुसार, चोकसी को डोमिनिका में एक अवैध विदेशी के रूप में ऐसा कोई अधिकार नहीं है. चूंकि वह एंटीगा और बारबुडा के अधिकार क्षेत्र में नहीं है. लिहाजा उसे सीधे भारत प्रत्यर्पित करने के लिए भी नहीं कहा जा सकता. भारत को उसके खिलाफ कानूनी दांवपेचों का सामना करना पड़ेगा.
विपक्ष ने कहा- न्यायपालिका को कमजोर कर रहे हैं पीएम ब्राउन
इस बीच एंटीगा सरकार के विपक्ष ने पीएम ब्राउन पर न्यायपालिका को कमजोर करने और भारत सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगाया है.
चोकसी के अटॉर्नी जस्टिन साइमन से संपर्क किया, तो उन्होंने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि चोकसी को सुरक्षा का कोई वादा किया गया था. साइमन ने कहा कि यूनाइटेड प्रोग्रेसिव पार्टी ने किसी भी मॉनेटरी फंडिंग के लिए चोकसी को सुरक्षा देने का वादा नहीं किया था.
साइमन ने आगे बताया, ‘मुझे यूपीपी प्रशासन के तहत अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया गया था. अप्रैल 2004 से 10 साल तक मैंने अपनी सेवा दी. मैं पार्टी का समर्थन करना जारी रखता हूं, लेकिन मैं एक कार्यकारी या निर्वाचन क्षेत्र शाखा का सदस्य नहीं हूं. मैं चोकसी और यूपीपी के बीच किसी भी संबंध या चोकसी द्वारा किसी भी मौद्रिक दान के बारे में अनजान हूं. जैसा कि प्रधानमंत्री का दावा है- मैं बता दूं कि पार्टी ने चोकसी की सुरक्षा का कोई वादा नहीं किया है.’
भारत के दबाव में काम कर रहे हैं ब्राउन
साइमन ने दावा किया कि चोकसी की नागरिकता को रद्द करने की कोई कोशिश नहीं की गई है. उसके खिलाफ दो मामलों में डोमिनिका के राष्ट्रमंडल से वरिष्ठ वकील एंथनी अस्टाफन की ओर से सरकार का प्रतिनिधित्व किया गया है, इसमें सिर्फ प्रत्यर्पण और सरकारी प्रक्रिया की संवैधानिकता की बात ही की गई है. साइमन कहते हैं, ‘प्रधानमंत्री भारत सरकार द्वारा उठाए जा रहे दबाव से चिंतित हैं और अदालती प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने के लिए उत्सुक हैं, भले ही उनके बयान न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर करते हों.’
अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग कर सकता है चोकसी
साइमन ने सीएनएन-न्यूज 18 को बताया, ‘आज चोकसी है. कल यह मैं हो सकता हूं. भारत में चोकसी के गलत वित्तीय आचरण का मामला हमारी अदालतों के सामने नहीं है. सीधे शब्दों में कहें तो एंटीगा और बारबुडा के नागरिक के रूप में वह प्रत्यर्पण अनुरोध को चुनौती देने के अपने अधिकार का प्रयोग कर सकता है. ऐसा एएलपी के एक दिग्गज लेरॉय किंग ने भी किया था, जब संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा आर एलन स्टैनफोर्ड की पिरामिड योजना में उनकी भूमिका के लिए उनके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया था. इसके परिणामस्वरूप हमारे देश में आर्थिक गिरावट देखी गई और हजारों की नौकरी चली गई.’
मेहुल चोकसी के भाई ने डोमिनिका में नेता को दी घूस?
एंटीगा के ऑनलाइन पोर्टल एसोसिएट्स टाइम्स ने खबर प्रकाशित की है कि मेहुल चोकसी का भाई चेतन चीनू चोकसी (Chetan Choksi) भी 29 मई को प्राइवेट जेट से डोमिनिका पहुंच गया था. उसने वहां के विपक्ष के नेता लेनोक्स लिंटन से मुलाकात की थी. एसोसिएट्स टाइम्स का दावा है कि चेतन चोकसी ने डोमिनिका के विपक्षी नेता लेनोक्स लिंटन को घूस के तौर पर 2 लाख अमेरिकी डॉलर दिए हैं.
इतना ही नहीं, चेतन ने लेनोक्स को आगामी चुनाव में मदद का भरोसा भी दिया है. खबर के मुताबिक चेतन ने लिंटन से मेहुल चोकसी के मामले को वहां की पार्लियामेंट में उठाने को कहा और साथ ही मेहुल चोकसी के हक में बयान देने को कहा है. मामले के जानकारों का कहना है कि चेतन चोकसी Diminco NV नाम की एक कंपनी चलाता है. ये कंपनी हांगकांग की Digico Holdings Limited की सहयोगी कंपनी है. इस कंपनी को हीरे और आभूषण के व्यापार में सबसे बड़े रिटेलर्स में शुमार किया जाता है. यह भी कहा गया है कि चेतन 2019 में लंदन में नीरव मोदी से जुड़ी सुनवाई के दौरान भी कोर्ट के बाहर देखा गया था.
लेनोक्स लिंटन ने मेहुल चोकसी के मामले में जांच की मांग की
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि डोमिनिका की यूनाइटेड वर्कर्स पार्टी के नेता लेनोक्स लिंटन ने मेहुल चोकसी के मामले में जांच की मांग की है. उन्होंने पुलिस और सरकार में इस मामले से संबंधित मंत्री के रोल पर सवाल उठाए हैं.
CBI और ED की टीम डोमिनिका रवाना
बता दें कि मेहुल चोकसी को भारत लाने के मिशन पर CBI और ED की टीम निकली हैं. कॉमनवेल्थ ऑफ डोमिनिका की कोर्ट में बुधवार 2 जून को चोकसी को बाहर भेजने की याचिका पर होने वाली सुनवाई के लिए ये टीम कोर्ट में मौजूद रहेंगी. डोमिनिका गई CBI और ED दोनों ही टीमों में मुंबई जोन के जांच अधिकारी मौजूद हैं. मेहुल चोकसी की लीगल टीम की याचिका पर कॉमनवेल्थ ऑफ डोमिनिका की कोर्ट ने 2 जून तक मेहुल चोकसी को डोमिनिका से बाहर ले जाने पर पाबंदी लगा दी थी.