टूरिज्म की दिग्गज थॉमस कुक का कारोबार बंद, भारत के पर्यटन उद्योग पर यूँ गहराया संकट
ब्रिटेन की पर्यटन दिग्गज थॉमस कुक (Thomas cook) के कारोबार बंद होने से भारत के पर्यटन सेक्टर को भी नुकसान होगा। भारत आने वाले पर्यटकों की संख्या बुरी तरह से प्रभावित होगी, जिससे आनेवाले महीनों में देश की विदेशी मुद्रा आय पर बुरा असर पड़ेगा।
पर्यटन उद्योग के सूत्रों के मुताबिक थॉमस कुक (Thomas cook) ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस जैसे देशों से मोटा खर्च करनेवाले पर्यटकों को भारत भेजती थी। ब्रिटेन, जर्मनी और इटली जैसे देशों में थॉमस कुक की अच्छी उपस्थिति थी, जोकि भारत के लिए प्रमुख स्रोत बाजार हैं।
नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत आनेवाले कुल विदेशी पर्यटकों में ब्रिटेन की हिस्सेदारी अगस्त 2019 में 8.01 फीसदी थी। शीर्ष यूरोपीय स्रोत बाजारों में जर्मनी के पर्यटक पिछले महीने कुल विदेशी पर्यटकों में 1.85 फीसदी रहे। अगस्त 2019 में कुल एफटीए 7,98,587 रहा, जबकि अगस्त 2018 में यह 7,86,003 था।
अब विदेशी पर्यटकों की वृद्धि दर होगी प्रभावित
वैश्विक मंदी का असर पर्यटन क्षेत्र पर भी हो रहा है और आने वाले महीनों में विदेशी पर्यटकों की वृद्धि दर भी प्रभावित होगी। इसके साथ ही दुनिया की पर्यटन कंपनी थॉमस कुक (Thomas cook) दिवालिया होने जा रही है, जिससे भारतीय पर्यटन कारोबार को कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
22 हजार लोग हुए बेरोजगार
थॉमस कुक (Thomas cook) ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया है। इससे कंपनी के 22 हजार लोग बेरोजगार हो गए हैं। 178 साल पुरानी कंपनी ने कारोबारी घाटे से उबरने के लिए कई तरह के प्रयास किए। कंपनी ने दिवालिया होने से बचने के लिए निजी निवेशकों से 25 करोड़ डॉलर की राशि जुटाने की कोशिश की, लेकिन यह कोशिश कामयाब नहीं हुई।
थॉमस कुक की शुरुआत
कंपनी के विमान खड़े हो गए हैं और उसकी सभी ट्रैवल एजेंसियां बंद हो गई हैं। थॉमस कुक की शुरुआत 1841 में हुई थी। पहले यह ब्रिटेन में घरेलू यात्रियों को सेवा देती थी, बाद में विदेशी यात्राएं कराने लगी।
भारतीय कंपनी पर असर नहीं
थॉमस कुक इंडिया ने एक बयान जारी कर कहा है कि यहां कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत है। दरअसल थॉमस कुक इंडिया का 77 फीसदी हिस्सा 2012 में कनाडा के ग्रुप फेयरफैक्स फाइनेंशियल होल्डिंग ने खरीद लिया था। तब से थॉमस कुक यूके का थॉमस कुक इंडिया में कोई हिस्सा नही है।