ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन व पीएम मोदी ने की मुलाक़ात, मुक्त व्यापार समझौते का लिए फैसला
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन व पीएम मोदी ने की मुलाक़ात, लिए कई बड़े फैसले

नई दिल्ली: ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने आज यानी शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है. इस दौरान दोनों देशों के पीएम ने रक्षा, राजनयिक व आर्थिक साझेदारी पर चर्चा की है. इसके साथ ही कई समझौते पर हस्ताक्षर किए. बातचीत का उद्देश्य दोनों देशों की साझेदारी को मजबूत करना व सुरक्षा बढ़ाना है. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि हमने इस साल के अंत तक भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को पूरा करने की पूरी प्रयास करने का फैसला किया है. ब्रिटेन भारत पर केंद्रित मुक्त सामान्य निर्यात लाइसेंस बनाने पर काम कर रहा है, जिससे रक्षा खरीद में कम समय लगेगा.
पीएम मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ वार्ता के बाद कहा, ‘हमने रोडमैप 2030 के कार्यान्वयन में हुई. प्रगति की समीक्षा की और भविष्य के लिए कुछ लक्ष्य भी निर्धारित किए. भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते के लिए जारी वार्ता में अच्छी प्रगति हो रही है. हमने इस साल के अंत तक भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को पूरा करने की पूरी प्रयास करने का फैसला किया है.’
जॉनसन का आना ऐतिहासिक पल
पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘पिछले कई सालों से भारत और यूके के संबंधों को मजबूत करने में प्रधानमंत्री जॉनसन की बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है. इस समय, जब भारत अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, पीएम बोरिस जॉनसन का यहां आना, अपने आप में एक ऐतिहासिक पल है.’
अफगानिस्तान के लिए समर्थन दोहराया
पीएम मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री जॉनसन से मुलाकात के बाद कहा, ‘हमने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मुक्त, खुली, समावेशी और नियम-आधारित व्यवस्था की आवश्यकता पर जोर दिया. हमने शांतिपूर्ण, स्थिर और सुरक्षित अफगानिस्तान के लिए अपना समर्थन दोहराया.’
ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के बाद कहा कि ये महत्वपूर्ण है कि हम हिंद-प्रशांत को स्वतंत्र व मुक्त रखने में सहयोग बढ़ाएं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वार्ता अच्छी रही. इनसे हमारे संबंधों को मजबूती मिली है. जॉनसन ने आगे कहा, भारत व ब्रिटेन के बीच संबंध इस दौर की सबसे शानदार मित्रताओं में शुमार है.