Britain के सबसे अमीर 10% लोगों ने आधी संपत्ति ले ली: औपनिवेशिक काल के दौरान भारत की सम्पदा – ऑक्सफैम रिपोर्ट

Britain और दुनिया के अन्य हिस्सों में संपत्ति के असमान वितरण को उजागर किया है। ब्रिटेन के सबसे अमीर 10% लोगों के पास आधी संपत्ति का होना

हाल ही में जारी ऑक्सफैम रिपोर्ट ने Britain के समाज में बढ़ते असमानता के स्तर को उजागर किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटेन के सबसे अमीर 10% लोगों के पास देश की आधी संपत्ति है। यह आंकड़ा एक गंभीर चिंता का विषय बन चुका है, क्योंकि यह स्पष्ट रूप से समाज में बढ़ती आर्थिक विषमताओं को दर्शाता है। यह असमानता न केवल समाज के लिए एक संकट है, बल्कि यह उस आर्थिक मॉडल की विफलता को भी प्रकट करता है जो सिर्फ कुछ विशेष वर्गों के हितों को प्राथमिकता देता है।

औपनिवेशिक काल में भारत की सम्पत्ति

ऑक्सफैम रिपोर्ट ने औपनिवेशिक काल के दौरान Britain और भारत के बीच संपत्ति के असमान वितरण पर भी चर्चा की है। रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि ब्रिटिश साम्राज्य ने औपनिवेशिक काल में भारत की संपत्ति को अत्यधिक रूप से शोषित किया। ब्रिटेन ने भारत की संसाधनों का दोहन किया और उसे अपनी आर्थिक समृद्धि के लिए इस्तेमाल किया। भारत की प्राकृतिक संसाधनों, कलात्मक धरोहरों और श्रम का शोषण किया गया, जिससे ब्रिटेन ने अपनी औद्योगिक क्रांति को गति दी और उसे आर्थिक शक्ति प्राप्त हुई।

भारत से संपत्ति का बहिर्वाह

ऑक्सफैम की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि औपनिवेशिक काल में भारत से जो संपत्ति बहिर्वाह हुई, उसका प्रभाव आज भी महसूस किया जा रहा है। ब्रिटेन ने भारत से लाखों टन सोना, बहुमूल्य रत्न, और अन्य खजाने वापस अपने देश भेजे। इसके अलावा, ब्रिटिश साम्राज्य ने भारत की कृषि, व्यापार, और उद्योग को अपने हिसाब से मोड़ा, जिससे भारतीय समाज में गरीबी और असमानता की स्थिति उत्पन्न हुई। इस संपत्ति का भारत में पुनर्निवेश नहीं किया गया, बल्कि वह ब्रिटेन की शक्ति और संपत्ति का हिस्सा बनी।

आज भी जारी असमानता

Britain में आज भी असमान संपत्ति वितरण की स्थिति है, और ऑक्सफैम रिपोर्ट ने इसे विश्व स्तर पर बढ़ती असमानता का एक प्रमुख उदाहरण बताया है। ब्रिटेन के सबसे अमीर 1% लोगों के पास देश की एक तिहाई संपत्ति है, जबकि गरीब तबकों के पास संसाधनों की कमी बनी हुई है। यह असमानता न केवल सामाजिक, बल्कि आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता का कारण भी बन रही है।

औपनिवेशिक इतिहास का प्रभाव

Britain का औपनिवेशिक इतिहास आज भी वैश्विक असमानताओं में योगदान दे रहा है। औपनिवेशिक काल में जो संपत्ति शोषण हुआ, उसकी छाप आज भी विकासशील देशों में देखी जा सकती है। भारत, अफ्रीका और अन्य एशियाई देशों में औपनिवेशिक शक्तियों के द्वारा किए गए शोषण का प्रभाव आज भी महसूस किया जाता है। इन देशों में धन की कमी, गरीबी, और असमानता की समस्याएं बनी हुई हैं।

Britain and India

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ऑक्सफैम की रिपोर्ट ने Britain और दुनिया के अन्य हिस्सों में संपत्ति के असमान वितरण को उजागर किया है। ब्रिटेन के सबसे अमीर 10% लोगों के पास आधी संपत्ति का होना और औपनिवेशिक काल के दौरान भारत की संपत्ति का शोषण, इस असमानता की जड़ें गहरी हैं। इसे सुधारने के लिए आर्थिक नीति में सुधार, सामाजिक सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और संपत्ति वितरण में समानता लाने की आवश्यकता है। यह रिपोर्ट एक महत्वपूर्ण संदेश देती है कि दुनिया भर में असमानता को खत्म करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।

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