रिश्वत दो नक्शा पास, उत्तराखंड की जड़ में भ्रष्टाचार!
उत्तराखंड: देश में कांग्रेस की सरकार के विरोध में यूपीए वन और टू में हुए घोटालों और भ्रष्टाचारों का पिटारा खोलते खोलते भारतीय जनता पार्टी 2014 में देश की सत्ता पर आसीन हुई। 2014 से लेकर 2023 के बीच कई राज्यों में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सरकारें बनाई कई बार कांग्रेस के और उनके साथियों के द्वारा बनाई गई सरकारों को तोड़ मोड़ कर जनता के द्वारा चुनी गई सरकार को गिरा कर अपनी सरकार फिर से बनाई गई जिसमें मध्य प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र की सरकार उनकी कारगुजारियों की कहानी बयां करते हैं ।उत्तराखंड के पहाड़ी शहरों में भूमाफियो की मदद से अवैध और अनियोजित निर्माण अभी तक चल रहे हैं। जो रिश्वत के बदले भू स्वामियों और अधिकारियों के लिए मदद के रूप में कार्य कर रहे हैं रिश्वत दो नक्शा पास खुलासा करती है कि कैसे जोशीमठ और उसके आसपास अभी तक निर्माण कार्य चल रहे हैं। उत्तराखंड के पहाड़ी शहरों में संभावित संपत्ति खरीददारों के लिए कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के कारण भवन नियमों को ताक पर रखना मामूली बात है बस अधिकारियों को रिश्वत दें और रिजल्ट घर या किसी अन्य परियोजना के निर्माण के लिए तमाम मंजूरी हाथों-हाथ हासिल करें बल्कि नैनीताल ,मसूरी, उत्तरकाशी गुप्तकाशी और ऋषिकेश जैसे अन्य पहाड़ी शहरों के निवासियों में भी इस स्थिति को लेकर भी पसरा है क्योंकि वहां भी इमारतों और सड़कों में दरारें दिखने लगी हैं।उत्तराखंड के मशहूर पर्यटन स्थल नैनीताल का हाल भी जोशीमठ जैसा दिख रहा है क्योंकि वहां माल रोड भी दरारें आ गई हैं जानकारी के मुताबिक विराट और अन्य परियोजनाओं के निर्माण की मंजूरी आप बिना किसी परेशानी के करवाने के बदले फर्जी सौदों की पेशकश की जा रही है इसमें रिश्वत के बदले में नक्शे की योजनाओं की स्वीकृति और भवन निरीक्षण शामिल हैदेश ही नहीं दुनिया जानती है कि ।
भारतीय जनता पार्टी के दोनों हाथों को अपनी हार बर्दाश्त नहीं होती कभी ईडी का डर तो कभी सीबीआई के डर के बहाने बड़े-बड़े नेताओं को भारतीय जनता पार्टी की वाशिंग मशीन में डालकर उन्हें शुद्ध कर दिया जाता है लेकिन यह जनता है सब जानती है पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया के बहाने मध्य प्रदेश की सरकार को गिराया गया फिर शिवसेना को तोड़कर महाराष्ट्र की सरकार बदल दी गई ।
लेकिन जहां जहां भाजपा की सरकारें हैं वहां वहां देश के आकाओं को अपने सरकारों के भ्रष्टाचार दिखाई नहीं देते या यूं कहें वहां के भ्रष्टाचारियों के नाम पर उनकी आंखें बंद पड़ जाती हैं यही वजह है कि उत्तराखंड में हुई बड़ी बड़ी त्रासदीयों के बावजूद त्रासदी की वजह की जड़ में जाने की जगह वहां के मुख्यमंत्रि को क्लीन चिट दे दी जाती है ।
उत्तराखंड में तमाम सारे आरोप भ्रष्टाचार के तमाम सबूत भी सरकार को टस से मस नहीं कर पा रहे लेकिन जीते जागते गवाह और सबूत लोगों को जगाने के लिए काफी होते हैं यही वजह है कि एक-एक कर जनता उन्हें जवाब भी दे रहे हैं जिसका ताजा उदाहरण कर्नाटक में देखने को मिला जहां सरकार ने अपने सारे मंत्री उतार दिए बावजूद उसके सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो सकी ।
क्रेडिट –तहलका