दवा से कम नहीं, मां का दूध

ब्रेस्ट मिल्क से सुपरबग को दे सकते हैं मात, जो बैक्टीरिया एंटीबायोटिक्स से नहीं खत्म होते उसे मां के दूध से खत्म किया जा सकता है

मां के दूध से सुपरबग को भी मात दी जा सकती है। सुपरबग ऐसे बैक्टीरिया को कहते हैं, जिस पर एंटीबायोटिक्स दवाएं बेअसर साबित हो जाती हैं। ऐसे ड्रग रेसिस्टेंट सुपरबग पर रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है, ब्रेस्ट मिल्क में मौजूद शुगर से इन्हें खत्म किया जा सकता है। लैब में इसका ट्रायल भी किया गया है जो सफल रहा है।

मां के दूध से कैसे सुपरबग को मात दी जा सकती है, यह प्रयोग कितना असरदार है और कैसे मरीजों के काम आएगा, जानिए इन सवालों के जवाब…

बिना एंटीबायोटिक्स के कैसे खत्म करेंगे बैक्टीरिया
वैज्ञानिकों का कहना है, ब्रेस्ट मिल्क में मौजूद शुगर उन बैक्टीरिया को खत्म कर सकता है, जो एंटीबायोटिक्स से भी नहीं खत्म किए जा सकते। मरीज में इस शुगर का इस्तेमाल तब किया जा सकेगा, जब उसमें बैक्टीरिया के संक्रमण को खत्म करने के लिए एंटीबायोटिक्स भी काम करना बंद कर दें।

किस बैक्टीरिया पर प्रयोग किया और कैसे संक्रमण घटा?
प्रयोग करने के लिए सबसे पहले वैज्ञानिकों में मां के दूध में मौजूद शुगर (ओलिगोसेकराइड) को अलग किया। फिर इंसानी कोशिकाओं को बैक्टीरिया के ग्रुप बी-स्ट्रेप्टोकोकस (GBS) से संक्रमित किया। प्रयोग में सामने आया कि शुगर के कारण इन बैक्टीरिया का संक्रमण कम हो गया।

यही प्रयोग संक्रमित गर्भवती चुहिया पर भी किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, चुहिया में शुगर पहुंचने के बाद संक्रमण धीरे- धीरे फैलना बंद हो गया। शोधकर्ताओं का कहना है कि ब्रेस्ट मिल्ट बैक्टीरिया को टिश्यू से चिपकने से रोकता है, इसलिए संक्रमण का खतरा घट जाता है। इतना ही नहीं यह दूध शरीर में ऐसे बैक्टीरिया की संख्या बढ़ाता है जो फायदा पहुंचाते हैं और खतरनाक बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं।

इसलिए बच्चों को संक्रमण से बचाता है मां का दूध
वैज्ञानिकों का कहना है, मां का दूध बच्चे को संक्रमण और दूसरी बीमारियों से बचाने का काम करता है। इस पर रिसर्च करने वाली वंडरबिल्ड यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता रिबेका मूरे का कहना है, प्रयोग के दौरान सामने आया कि चूहिया के रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट के 5 अलग-अलग हिस्से में संक्रमण घट गया।

ब्रेस्ट मिल्क में शुगर को पहचानने की कोशिश
वैज्ञानिकों का कहना है, ब्रेस्ट मिल्क में 200 से अधिक शुगर पाए जाते हैं, इन्हें पहचानने के लिए कोशिश की जा रही है। दुनिया के कई देशों में काफी संख्या में लोग इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए ब्रेस्ट मिल्क को खरीदकर पी रहे हैं। इनमें सेलिब्रिटी जेनिफर एनिस्टन और किम कर्दाशियां भी शामिल हैं।

मां के दूध से नवजात शिशु को 4 बड़े फायदे

इम्यून सिस्टम बेहतर होता है: जन्म के पहले घंटे में ही मां का दूध पीने वाले बच्चों की कम उम्र में मौत का खतरा 20% तक कम हो जाता है। बच्चा वैक्सीनेशन के प्रति बेहतर रिस्पॉन्ड करता है।संक्रमण का खतरा घटता है: मां का दूध पीने से बच्चे में डायरिया का रिस्क कम हो जाता है। आंत में संक्रमण का खतरा लगभग 64% तक घट जाता है। 6 माह और उससे अधिक समय तक स्तनपान करने वाले बच्चों में खानपान से जुड़ी एलर्जी के मामले कम सामने आते हैं।रेस्पिरेट्री सिस्टम बेहतर काम करता है: मां का दूध पीने वाले बच्चों में सांस से जुड़े संक्रमण का खतरा 72 फीसदी तक कम होता है। निमोनिया, सीजनल सर्दी जुकाम का खतरा कम रहता है।बच्चों का आईक्यू अधिक रहता है: मां के दूध में कोलेस्ट्रॉल और अन्य फैट कम होते हैं। नर्व टिश्यू का बेहतर विकास होता है। ऐसे बच्चों का आईक्यू लेवल 2 से 5 प्वाइंट अधिक होता है। इसी तरह उनका हृदय बेहतर तरीके से काम करता है।

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