नवरात्र के दूसरे दिन की महिमा कथा, इस विधि से पुण्यदायी होता है व्रत

दधानां करपद्याभ्यामक्षमालाकमण्डल।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्माचारिण्यनुत्तमा।

या देवी सर्वभूतेषू मां ब्रह्मचारिणी रुपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

नवरात्र का दुसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी का होता है | मां को प्रणाम करके पूरे विधान से मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना करने से भक्त सारे कष्टों से मुक्त हो जाते है | कहा जाता है मां ने हिमालय के घर पुत्री रुप में जन्म लिया था, और नारद जी के उपदेश के कारण भगवान शिव को पति रुप में प्राप्त करने के लिए एक हज़ार वर्षों तक केवल फल फूल खाकर जीवित रही सो वर्षों तक जमीन पर रहकर शाक पर निर्वाह किया खुले आकाश के नीचे वर्षा और धूम में कठिन तप किए | तीन हज़ार वर्षो तक टूटे हुए बिल्व पत्र खाकर भगवान शिव की आराधना की | कई वर्षो तक निर्जल और निराहार रहकर तपस्या की| इसी कारण मां के दुसरे स्वरुप को ब्रह्मचारिणी कहा जाता है | मां ब्रह्मचारिणी के नाम ब्रह्म का मतलब होता है तपस्या और चारिणी मतलब होता है आचरण करना। मां की उपासना अनंत फल प्रदान करने वाली है। मां का स्मरण करने से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम में वृद्धि होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो साधक विधि विधान से देवी के इस स्वरुप की पूजा अर्चना करता है उसकी कुंडलिनी शक्ति जाग्रत हो जाती है। ऐसे में आइे जानते हैं वो कौन से उपाय है जिन्हें करने से मां अपने भक्तों पर झट से प्रसन्न हो जाती है।

मां ब्रह्मचारिणी व्रत की पूजन विधि

मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए सबसे पहले नहा-धोकर साफ-सुथरे कपड़े पहन लें। इसके बाद ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए उनका चित्र या मूर्ति पूजा के स्थान पर स्थापित करें। उस पर फूल चढ़ाएं दीपक जलाएं और नैवेद्य अर्पण करें। इसके बाद मां दुर्गा की कहानी पढ़ें और नीचे लिखे इस मंत्र का 108 बार जप करें।

मां ब्रह्मचारिणी को पसंद है ये भोग

देवी मां ब्रह्मचारिणी को गुड़हल और कमल का फूल बेहद पसंद है और इसलिए इनकी पूजा के दौरान इन्हीं फूलों को देवी मां के चरणों में अर्पित करें। चूंकि मां को चीनी और मिश्री काफी पसंद है इसलिए मां को भोग में चीनी, मिश्री और पंचामृत का भोग लगाएं। मां ब्रह्मचारिणी को दूध और दूध से बने व्यंनजन अति प्रिय होते हैं। इसलिए आप उन्हें दूध से बने व्यंऔजनों का भोग लगा सकते हैं। इस भोग से देवी ब्रह्मचारिणी प्रसन्न हो जाएंगी। इन्हीं चीजों का दान करने से लंबी आयु का सौभाग्य भी पाया जा सकता है।

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