राम मंदिर ट्रस्ट भूमि घोटाले के आरोपों पर बोले दोनों डिप्टी सीएम ने कही ये बात
अयोध्या. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janambhumi Teerth Kshtra Trust) द्वारा खरीदी गई जमीन को लेकर उपजे विवाद पर उत्तर प्रदेश में राजनीति चरम पर है. आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी द्वारा खरीदी गई जमीन में धांधली और भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद उत्तर प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्रियों ने कहा है कि यह राजनैतिक विद्वेष की भावना से उठाया गया कदम है. उनका कहना है कि कुछ लोग नहीं चाहते कि राम मंदिर निर्माण निर्बाध रूप से जारी रहे. मीडिया से बातचीत में उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि जो लोग पहले आरोप लगाते थे और कहते थे कि बीजेपी कहती है कि मंदिर वहीं बनाएंगे, लेकिन तारीख नहीं बताएंगे वे आज साजिश के तहत मंदिर नर्माण को रोकने का प्रयास कर रहे हैं.
बाद डॉ दिनेश शर्मा ने जमीन खरीद में धांधली व भ्रष्टाचार के आरोपों को निराधार बताया और कहा कि यह सिर्फ मंदिर निर्माण में बाधा पहुंचाने की साजिश है. कुछ लोग हैं जो यह नहीं चाहते कि मंदिर निर्माण का कार्य जारी रहे. उन्होंने कहा कि जो भी आरोप हैं वह राजनीति से प्रेरित हैं. संबंधित संस्था इसका जवाब देगी। उधर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी इस मामले में कहा कि विपक्ष अनर्गल अलाप कर रहा है. अगर जरुरत पड़ी तो जांच होगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी।
केशव मौर्य ने कही ये बात
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि हमें उन लोगों से सलाह की जरुरत नहीं है जिनके हाथ राम भक्तों के खून से रंगे हैं. ट्रस्ट आरोपों की जांच कर रहा है. अगर कोई भी दोषी होगा तो उस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
चंपत राय की सफाई
उधर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी आरोपों पर अपनी सफाई दी है. उन्होंने एक प्रेस रिलीज़ जारी करते हुए कहा कि खरीदी गई जमीन का अनुबंध विक्रेताओं ने काफी समय पूर्व कराया था. चंपत राय ने कहा कि मंदिर के परकोटा का रिटेनिंग वॉल के वास्तु दोष को ठीक करने के लिए मंदिर के आसपास की जमीनों को खरीदा गया. जो जमीन खरीदने में खुले बाजार मूल्यों पर खरीदी गई है. वह तो भूमि पर खरीदने के लिए वर्तमान विक्रेतागणों ने वर्षों पूर्व जिस मूल्य पर अनुबंध किया था उस मूल्य पर 18 मार्च को बैनामा कराया. उसके बाद ट्रस्ट के साथ अनुबंध हुआ है. महासचिव चंपत राय ने प्रेस नोट में यह भी लिखा है कि जो राजनीतिक लोग इस पर प्रचार कर रहे हैं. वह भ्रम फैला रहे हैं और जनता को गुमराह कर रहे हैं.