घर-घर वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू करे BMC, केंद्र की हरी झंडी की जरूरत नहीं: बॉम्बे HC
मुंबई. कोरोना की दूसरी लहर के बीच अब मुंबई में कोरोना वैक्सीनेशन (Covid Vaccination) को लेकर एक नई पहल की शुरुआत हो सकती है. बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने कहा, ‘अगर संभव हो तो BMC घर-घर जाकर वृद्ध और दिव्यांग लोगों का वैक्सीनेशन शुरू कर सकता है. इसके लिए केंद्र सरकार की हरी झंडी की आवश्यकता नहीं है.’ जस्टिस दीपांकर गुप्ता और जस्टिस जीएस कुलकर्णी की पीठ ने कहा, ‘अगर केंद्र सरकार ने इसकी मंजूरी नहीं भी दी है तो भी बीएमसी इसे शुरू कर सकता है.’
पीठ ने यह बात भी नोटिस की है कि केंद्र सरकार ने डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन शुरू करने पर ध्यान नहीं दिया. पीठ ने बीएमसी से कहा, ‘क्या आप वृद्ध लोगों की मदद करने को आगे आएंगे? अगर आप इसके लिए तैयार हैं तो हम परमिशन देंगे.’
कोर्ट ने बीएमसी से जवाब देने को कहा है
कोर्ट ने इस मामले में बीएमसी कमिश्नर इकबाल चहल को हलफनामा दायर कर जवाब देने को कहा है. कोर्ट ने कहा है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अब हर दिन बेहद महत्वपूर्ण है. दरअसल कोर्ट ध्रुति कपाड़िया और कुणाल तिवारी की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था. याचिका में केंद्र सरकार से डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू करने की मांग की गई है. इसके तहत 75 से अधिक उम्र के लोगों और दिव्यांगों के वैक्सीनेशन की बात कही गई है.
केंद्र ने कहा-बनाई जा चुकी है एक्सपर्ट कमेटी
इससे पहले हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि उसे अपनी उस पॉलिसी पर विचार करना चाहिए जिसमें डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन को कई कारणों से अंसभव बताया गया है. बुधवार को केंद्र सरकार की तरफ से कोर्ट में पक्ष रख रहे एडीशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा, ‘इस मामले पर निर्णय लेने के लिए केंद्र की तरफ से एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई गई है.’