यूरिन में आए खून तो संभल जाएं? Bladder Stone का हो सकता हैं संकेत

तेज प्रेशर बनने के बाद भी रूक-रूक आता है पेशान तो सतर्क हो जाए क्योंकि ये संकेत यूरिन की थैली में पथरी का हो सकता है। यूरिन की थैली में पथरी की समस्या को ब्लैडर स्टोन या ब्लैडर कैलकुली भी कहते हैं, जो यूरिन प्रवाह में बाधा डाल सकती है। समय रहते अगर इसका इलाज ना किया जाए तो भविष्य में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। चलिए आपको बताते हैं यूरिन थैली में पथरी होने के कारणस लक्षण और इलाज…

क्यों होती है यूरिन थैली में पथरी?

पेशाब में खनिज और लवणों की मात्रा बढ़ने के कारण मूत्र मार्ग में पथरी बनने लग जाती है। यूरिनरी ट्रैक्स में पथरी किसी भी व्यक्ति को हो सकती है लेकिन महिलाओं के मुकाबले, पुरुषों को यह समस्या अधिक होती है।

पेशाब की थैली में पथरी के कारण 

. शरीर में पोषण की कमी
. डिहाइड्रेशन के कारण
. कुछ शारीरिक बीमारी
. यूरिनरी ट्रैक्स इंफेक्शन
. प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ना
. न्यूरोजेनिक ब्लैडर
. कुछ मामलों में किडनी स्टोन के कारण भी इसकी संभावना रहती है।

पेशाब की थैली में पथरी के लक्षण

कुछ मामलों में मूत्र मार्ग में पथरी स्थिर रहती है जबकि कुछ मामलों में पथरी इधर-उधर घूमती है, जिसके कारण हर किसी में इसके लक्षण भी अलग-अलग दिखते हैं। हालांकि, इसके कुछ लक्षण आपको दिख सकते हैं जैसे…

. मूत्राशय के ऊपर श्रोणि क्षेत्र में दर्द होना
. अंडकोष, पीठ या कूल्हे में दर्द के साथ बेचैनी
. एक्सरसाइज करते समय दर्द
. पेशाब करते समय दर्द होना
. बार-बार व रूक-रूक पेशाब आना
. पेशाब करने की इच्छा होने के बावजूद पेशाब न आना
. पेशाब में झाग, खून दिखाई देना

कब करें डॉक्टर से संपर्क?

अगर पेट में दर्द, पेशाब के साथ झाग व खून आ रहा है तो बिना देरी डॉक्टर से मिले। ब्लैडर स्टोन होने का संदेह होने पर डॉक्टर ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, रेडियोलॉजिकल इमेजिंग टेस्ट और सिस्टोस्कोपी का टेस्ट करवाने की सलाह देंगे।

पेशाब की थैली के पथरी का इलाज

वैसे तो घरेलू तरीकें, दवाइयों और अधिक मात्रा में पानी पीने से ब्लैडर स्टोन बाहर निकल सकता है लेकिन कई बार ऐसा नहीं होता। ऐसे में पथरी बाहर निकालने के लिए डॉक्टर ट्रांसयुरथ्रल सिस्टोलिथोलैपैक्सी या ओपन सिस्टोस्टॉमी सर्जरी की सलाह देते हैं।

घरेलू नुस्खा भी आएगा काम

गिलोय के तने आंवला चूर्ण, सोंठ चूर्ण, गोखरु के बीजों का चूर्ण, अश्वगंधा की जड़ों का चूर्ण को पानी में उबाल लें। इस काढ़े को एक दिन में कम से कम  2 बार पीएं। इससे यूरिन पाइप से तफरी बाहर निकल जाएगी।

मूत्राशय की पथरी से कैसे करें बचाव

. एक दिन कम से कम 9-10 गिलास पानी पीएं और लिक्विड डाइट अधिक लें।
. बाहर का जंक फूड्स, मसालेदार भोजन से जितना हो सके परहेज करें।
. डॉक्टर से नियमित रूप से चेकअप करवाएं और किसी भी लक्षण को नजरअंदाज ना करें।
. नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
. ज्यादा मीठा, धूम्रपान और शराब से दूरी बनाकर रखें।

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