नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग करना पड़ा महंगा, आरोपी को मिली ये सजा

नोएडा. कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के बीच नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन (Fake Remdesivir Injection) की ब्लैक मार्केटिंग के मामले में आरोपी रचित घई पर (NSA) लगा दिया गया है. पुलिस ने यह कदम डीएम के आदेश के बाद उठाया है. रचित घई को 21 अप्रैल को नोएडा सेक्टर 20 थाना पुलिस ने लोगों के साथ धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था. वह कोरोना से जूझ रहे लोगों को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेच रहा था.

दरअसल रचित घई पीतमपुरा सेक्टर-147 का रहने वाला है. पुलिस ने उसे रेमडेसिविर के 105 नकली इंजेक्शनों के साथ गिरफ्तार किया था. वह ज्यादा कीमत पर नकली इंजेक्शन मरीजों को बेचकर मुनाफा कमा रहा था. चला उसने तुरंत रचित को गिरफ्तार कर लिया. रचित घई पर एनएसए लगाया गया है. पुलिस के दावे के मुताबिक राज्य में नकली रेमडेसिविर के मामले में रासुका लगाने के यह पहला मामला है. बताया जा रहा है कि रेमडेसिविर के नकली इंजेक्शन 15 से 40 हजार रुपये में बेचे जा रहे थे.

बता दें कि नकली इंजेक्शन पकड़े जाने का ये कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कोरोना पीक के दौरान कई ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया गया था जो नकली इंजेक्शन बेचकर ज्यादा कीमत वसूल रहे थे. अब सीएम योगी के सख्य आदेश पर इस तरह के सभी लोगों पर एनएसए लगाने की तैयारी की जा रही है. पुलिस ने डीएम को सभी आरोपियों की जानकारी भेजी है.

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