मुंबई में बढ़ा ब्लैक फंगस का खतरा, तीन बच्चों की निकालनी पड़ी आंखें
मुंबई. देश में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) की दूसरी लहर (Second Wave) भले ही कमजोर पड़ती दिखाई पड़ रही हो लेकिन ब्लैक फंगस (Black Fungus) का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. ब्लैक फंगस के खतरे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में तीन बच्चों की आंखें तक निकालनी पड़ी है. बता दें कि महाराष्ट्र में 4 से 16 साल के बच्चों में भी ब्लैक फंगस की शिकायत मिली है. बच्चों में तेजी से बढ़ रहे ब्लैक फंगस के मामलों को देखने के बाद डॉक्टर भी परेशान दिखाई दे रहे हैं.
ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों पर बात करते हुए फोर्टिस हास्पिटल की सीनियर कंसल्टेंट-पीडियाट्रीशियन डॉ. जेसल शाह ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में महाराष्ट्र में कई बच्चे संक्रमण की चपेट में आ गए थे. कोरोना से ठीक हो चुके बच्चों में अब ब्लैक फंगस देखा जा रहा है. अस्पताल में इलाज कराने आईं दो बच्चियों में ब्लैक फंगस पाया गया. दोनो जब हमारे पास आईं थीं तब 48 घंटे में ही उसकी एक आंख काली पड़ गई थी.
डॉक्टर शाह ने बताया कि ब्लैक फंगस बच्चियों की नाक, आंख और सायनस में फैला हुआ था. गनीमत ये रही ब्लैक फंगस का असर ब्रेन तक नहीं पहुंचा था. छह हप्ते तक बच्चियों का इलाज करने के बाद आखिरकार हमें बच्ची की एक आंख निकालनी पड़ी. आंख और कैंसर सर्जन डॉ. पृथेश शेट्टी के बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में बच्चों पर भी ब्लैक फंगस का असर दिख रहा है. दोनो ही मामलों में बच्चों की एक आंख निकालनी पड़ी.
इसी तरह कोरोना वायरस से संक्रमित एक 14 साल और 16 साल की बच्ची में भी ब्लैक फंगस पाया गया. जांच में कोविड के बाद उसमें मधुमेह की शिकायत मिली. 14 साल की बच्ची की एक आंख निकालनी पड़ी जबकि 16 साल की बच्ची के पेट के एक हिस्से में ब्लैक फंगस पाया गया है.