दिल्ली में ब्लैक फंगस मरीजों का इन तीन बड़े अस्पतालों में होगा इलाज, बनाये गए अलग से सेंटर
नई दिल्ली. दिल्ली में जहां कोरोना (Corona) संक्रमित मामले बढ़ने और ऑक्सीजन की किल्लत से दिल्ली जूझ रही है. ऐसे में अब ब्लैक फंगस (Mucormycosis) बीमारी के मामले लगातार सामने आने से और चिंता बढ़ गई है.
दिल्ली में अब तक 185 मामले ब्लैक फंगस के आ चुके हैं. अब इनके इलाज के लिए दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने भी तैयारी की है. दिल्ली सरकार की ओर से ब्लैक फंगस (Black Fungus) बीमारी के इलाज के लिए तीन बड़े अस्पतालों में व्यवस्था की है. इसके लिए सरकार की ओर से मरीजों के लिए अलग से सेंटर बनाए गए हैं.
दिल्ली सरकार के जिन तीन बड़े अस्पतालों में ब्लैक फंगस बीमारी के लिए अलग से सेंटर स्थापित किए गए हैं, उनमें लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल (LNJP Hospital), गुरु तेग बहादुर अस्पताल (GTB Hospital) और राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (Rajiv Gandhi Super Speciality Hospital), ताहिर पुर प्रमुख रूप से शामिल है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की अध्यक्षता में आज ब्लैक फंगस बीमारी के बढ़ते मामलों को लेकर अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ एक मीटिंग भी की गई. मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमें इस बीमारी को बढ़ने से भी रोकना है और जिनको यह बीमारी हो रही है, उसे जल्द से जल्द बेहतर इलाज भी प्रदान करना है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि अस्पताल में सेंटर बनाने के अलावा ब्लैक फंगस बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली सभी दवाओं का पर्याप्त मात्रा में प्रबंधन किया जाएगा. बीमारी से बचाव के उपायों को लेकर लोगों में जागरूकता भी फैलाई जाएगी.
बताते चलें कि देश के कई राज्यों में ब्लैक फंगस के लगातार आ रहे मामलों के चलते केंद्र सरकार (Central Government) ने भी इस बीमारी को महामारी घोषित करने का फैसला किया है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से इस बाबत राज्यों को निर्देश भी दिए गए हैं.
इस बीच देखा जाए तो केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) की ओर से ब्लैक फंगस की चपेट में आने वाले लोगों के इलाज कराने को लेकर और उससे निपटने को किस तरह की रणनीति तैयार की जाए, इसके लिए 4 सदस्यीय कमेटी भी गठित की है. यह कमेटी एंटीफंगल एम्फोटेरिसिन (Amphotericin-B) इंजेक्शन के गलत प्रयोग को रोकने और सही- सुचारू वितरण को सुनिश्चित करेगी. इसको लेकर टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी गठित की गई है. साथ ही बच्चों को कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से बचाने के लिए भी टास्क फोर्स बनाने का फैसला किया गया है.