महोबा : ओवरलोडिंग के काले धंधे को पनाह देने वाले माफियाओं के चमत्कारी कारनामे
महोबा : कबरई मे ओवरलोडिंग के काले-धंधे को पनाह देने वाले माफियाओ के कारनामे चमत्कारी है। समय के साथ इन्ही ओवरलोड माफियाओ ने माया के दम पर सिस्टम का ऐसा जाल बिछाया दिया है जिसे तोड़ने की हिमाकत जिम्मेदार भी नही उठाना चाहते। डायरी मे चढ़े नम्बर और जानी पहचानी रोडलाईंस की फटिंया कबरई मे अवैध परिवहन पर कार्यवाही की दशा व दिशा तय करती है। पत्थर नगरी मे रोज धड़ल्ले से चलने वाले इस गोरखधंधे मे खनिज बैरियर से लगाकर एआर्टीओ विभाग की भूमिका बेहद संगीन है। वही पत्थरनगरी मे ओवरलोड का काला कारोबार मोबाईल,वाट्स्एप, डायरी, लोकेशन, और चढ़ावे पर चलता है।
बात कबरई मे चलने वाले ओवरलोड की करे तो दलाल बकायदा सिस्टम से दम पर ओवलोडिंग की आधारशिला रखते है। दिनभर खनिज बैरियरों और आरटीओ केे सामने से गुजरने वाले ओवरलोड वाहनो से मिलने वाले चढ़ावे का बहिखाता शाम को खोला जाता है। इतना ही नही इस दौरान बारी-बारी से सभी को उनका हिस्सा उनके खासमखास तक सा-सम्मान पहुचाया जाता है। मामला ऐसे समझिये की ओवरलोडिंग के काले धंधे से होने वाला कारोबार से एक माह मे माफिया 2 से 3 सीआर तक की रकम का आदान प्रदान कर डालते है। ऐसे मे जरा सोचिये सरकार को भला हर माह कितने राजस्व की चपत लगती होगी। नजीर के तौर पर गंगाजी, आर0के, महाकालेश्वर, शैलेन्द्र जैसे तमाम नामो को ले सकते है। इनका वर्चस्व पत्थर नगरी मे इतना है कि जिम्मेदार ट्रको मे इन नामो को पढ़कर इनपर हाथ डालना किसी अपराध से कम नही समझते है। हालाकी कबरई के लिये यह नई बात नही है। यहा पर चांदी की चमक देखकर अच्छे-अच्छे इमानदारो का इमान डोल जाता है। हद तो तब हो जाती है जब सूबे के मुखिया के आदेशो को बौना साबित कर खनिज और आरटीओ के जिम्मेदार ओवरलोडिंग को हवा देते नजर आते है। यही वजह है कि ओवरलोडिंग के दम पर इन विभागकर्मियो की सम्पत्तियो मे चमत्कारी इजाफा हुआ है। जिसकी पुष्टि आर्थिक अपराध शाखा से निष्पक्ष जांच कराकर की जा सकती है।
बैरियर पर लगे कैमरो को नजर नही आता ओवरलोड
महोबा – ओवरलोडिंग रोकने की मंशा से कबरई के बांदा और कानपुर रोड पर बनी खनिज जाच चौकियों मे लगे कैमरो की नजर से भी ओवरलोड वाहन कैसे बच निकलते है यह गम्भीर गहन जांच का विषय है। सवाल उठता है आखिर वो कौन सी अद्रश्य शक्तियां है जो ओवरलोड वाहनो को कैमरे की नजर से अन्तरध्यान कर देती है। हालाकि जिला खनिज आधिकारी लगातार कैमरो के जरिये ओवरलोडिंग की मौनिटरिंग करने की की बात कहते नही थकते है।