CM सुक्खू के Samose पर BJP का चाकू चला: हिमाचल प्रदेश में विवाद
CM सुखविंदर सिंह सुक्खू के एक अजीबोगरीब मामले में घिरने से राज्य की राजनीति गरमा गई है। दरअसल, CM के शिमला स्थित CID मुख्यालय दौरे के दौरान
हिमाचल प्रदेश के CM सुखविंदर सिंह सुक्खू के एक अजीबोगरीब मामले में घिरने से राज्य की राजनीति गरमा गई है। दरअसल, CM के शिमला स्थित CID मुख्यालय दौरे के दौरान, जहां वे साइबर विंग के नए “सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम” (CFCFRMS) स्टेशन का उद्घाटन करने पहुंचे थे, उनके लिए रखे गए समोसे और केक गलती से उनके स्टाफ को सर्व कर दिए गए। इस घटना के बाद CID में पूरी जांच शुरू की गई है और एक DSP रैंक के अधिकारी को मामले की जांच सौपी गई है।
समोसा सर्व होने की चूक
CID रिपोर्ट के मुताबिक, समोसा और केक के बॉक्सों में से सिर्फ एक सब-इंस्पेक्टर को यह जानकारी थी कि ये खाद्य सामग्री मुख्यमंत्री के लिए तैयार की गई थी। हालांकि, एक महिला इंस्पेक्टर द्वारा इन बॉक्सों की देखरेख की गई, और बिना उच्चतर मंजूरी के ये बॉक्स मोटर ट्रांसपोर्ट (MT) सेक्शन में भेज दिए गए। इसके बाद यह सामग्री मुख्यमंत्री के बजाय उनके स्टाफ को सर्व कर दी गई।
CID के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस घटना को “विरोधी-सरकार” कार्यवाही करार दिया और इसे वीवीआईपी की इज्जत का उल्लंघन माना। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जो लोग इस चूक में शामिल थे, वे “अपनी ही योजना के तहत काम कर रहे थे”।
CID द्वारा जांच और बयान
इस विवाद पर टिप्पणी करते हुए, हिमाचल प्रदेश के डीजीपी अतुल वर्मा ने कहा कि यह मामला CID के आंतरिक मामले के रूप में देखा जा रहा है, और यह पुलिस मुख्यालय द्वारा जांच नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “हम इस मामले में किसी को नोटिस नहीं दे रहे हैं, बल्कि सिर्फ यह जांचने के लिए कहा है कि क्या हुआ। सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। हम यह पता लगाएंगे कि यह जानकारी बाहर कैसे लीक हुई।”
CID के डीजी संजीव रंजन ओझा ने इस मामले को “CID का आंतरिक मामला” बताया और कहा कि इसे राजनीति का हिस्सा नहीं बनाना चाहिए। ओझा ने यह भी साफ किया कि CM सुक्खू समोसा नहीं खाते हैं, और इस मामले का कोई गंभीर राजनीतिक असर नहीं होना चाहिए।
बीजेपी का रुख: राजनीति में तूल देने की कोशिश
इस मामले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, खासकर भाजपा के नेताओं ने इसे एक बड़ा मुद्दा बना लिया है। भाजपा ने इसे CM के खिलाफ एक प्रकार का अनादर माना और राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए। भाजपा नेताओं का कहना है कि इस तरह की घटनाएं राज्य सरकार के प्रशासनिक अक्षमता को दिखाती हैं।
PM मोदी का हमला: ‘370 वापस नहीं आ सकता’, MVA पर निशाना
समोसा विवाद भले ही एक मामूली घटना प्रतीत हो, लेकिन इसने राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ ले लिया है। CID की जांच जारी है, और यह देखना होगा कि क्या इस मुद्दे का कोई बड़ा राजनीतिक असर होगा। वहीं, भाजपा इस विवाद को राज्य सरकार पर हमलावर होने के लिए इस्तेमाल कर रही है।