महाराष्ट्र में चुनाव से पहले इन दो बड़ी पार्टियों में छिड़ा ज़बरदस्त घमासान

महाराष्ट्र(Maharashtra) में सालों से गठबंधन कर चुनाव में खड़ी होने वाली बीजेपी(BJP) और शिवसेना(Shivsena) में टकराव बढ़ता जा रहा है। शिवसेना से आदित्य ठाकरे(Aaditya Thackarey) के चुनाव में खड़े होने से दोनों पार्टियों में मुख्यमंत्री पद के लिए तू-तू मैं-मैं हो रही है। वहीँ गठबंधन के सहयोगी छोटे दलों को सीट आवंटित करने के मुद्दे पर भी दोनों पार्टियों में एकराय नहीं हो पाईं है। इसको लेकर हुई बैठक भी बेनतीजा रही।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पूर्व सीटों के बंटवारे पर बीजेपी व शिवसेना के बीच पहली बैठक बेनतीजा रही। शिवसेना चाहती है कि राज्य की 288 विधानसभा सीटों का बराबर बंटवारा हो और बीजेपी छोटे सहयोगी दलों को सीटें अपने हिस्से से दे। वहीँ बीजेपी 171 सीटों से बातचीत शुरू करना चाहती है। बीजेपी आधी-आधी सीटों के फॉर्मूले पर मुहर नहीं लगाती, लेकिन उसका कहना है कि सीट बंटवारे का समीकरण तय हो चुका है। हालांकि शिवसेना ने लोकसभा चुनाव से पूर्व शाह, ठाकरे और देवेंद्र फड़नवीस के बीच की बातचीत का हवाला दिया है। इधर बीजेपी की लोकप्रियता को देखते हुए पार्टी के टिकटार्थी नहीं चाहते हैं कि गठबंधन हो। उनका मानना है कि गठबंधन की स्थिति में कम ही लोगों को ही चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा। हालांकि, वह पार्टी की तरफ से सभी सीटों के लिए की जा रही तैयारियों को लेकर आशान्वित जरूर हैं।

शरद पवार बने बीजेपी-शिवसेना में टकराव

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में इस महागठबंधन की इन दोनों पार्टियों की अच्छी पैठ है। गठबंधन टूटने से किसी भी पार्टी के विलुप्त होने की सम्भावना कम है। शिवसेना ने भी गुरुवार को कहा है कि कोई राजनीतिक पार्टी कभी भी पूरी तरह विलुप्त नहीं हो सकती है। इसके साथ ही शिवसेना राकांपा प्रमुख के नाती रोहित पवार के उस बयान से सहमत भी होती नजर आई कि भाजपा नेता अपनी सुविधा के अनुसार शरद पवार(Sharad Pawar) की प्रशंसा व आलोचना करते हैं। शिवसेना के मुखपत्र सामना ने संपादकीय में लिखा कि शरद पवार ने महाराष्ट्र के विकास में योगदान दिया है, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसमें साथ ही बारामती के दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनके योगदान को याद करते हुए शरद पवार को अपना गुरु बताने का भी ज़िक्र किया गया।

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