जानिए कैसे खुद बीजेपी ने बजा दिया अपनी ही सरकार के मोटर व्हीकल एक्ट का बाजा!
नए मोटर व्हीकल एक्ट(Motor Vehicle Act) के तहत पूरे देश में चालान का जुर्माना कई गुना बढ़ा दिया गया है। इसके चलते देशभर में कई चौंकाने वाले किस्से सामने आ रहे हैं। लेकिन यही मोटर व्हीकल एक्ट अब बीजेपी के लिए मुसीबत बन गया है। बीजेपी(BJP) की केंद्र सरकार में ही जहाँ कई राज्य सतर्क हो गए हैं, वहीँ कई राज्य सरकारों ने कानून में संशोधन कर जुर्माना राशि को ही घटा दिया है।
मोटर व्हीकल एक्ट के बाद लोगों के चालान की जुर्माना राशि 1-2 लाख तक पहुँच गई है। इसकी वजह से कई राज्यों ने इस एक्ट में संशोधन किया है, तो कई राज्यों ने इसे लागू करने से मना कर दिया है। दिलचस्प बात ये है कि संशोधन करने वाले राज्यों में ज़्यादातर बीजेपी की सत्ता में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह(Amit Shah) के गृह राज्य गुजरात(Gujrat) की अगुवाई में देश के कई राज्यों ने इस कानून का हल निकाल लिया। गुजरात में मुखिया विजय रूपाणी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जुर्माना राशि में कटौती का ऐलान किया और कई जुर्मानों में राशि को 90 फीसदी तक घटा दिया। इसके बाद महाराष्ट्र, उत्तराखंड, झारखंड और हरियाणा भी इसी राह पर आगे बढ़ गए। महाराष्ट्र(Maharashtra) ने राज्य के परिवहन मंत्री ने नितिन गडकरी को चिट्ठी लिखते हुए जुर्माना राशि पर चिंता जताई है। देवेंद्र फडणवीस सरकार को चिंता है कि चालान की राशि बढ़ने से विधानसभा चुनाव में उनके वोट न कम हो जाए। कुछ इसी चिंता में हरियाणा और झारखण्ड ने भी कदम उठाया है। जहाँ हरियाणा(Haryana) ने 15 दिनों के लिए चालान काटने की जगह जागरूकता अभियान चलाने की बात कही है, वहीँ झारखंड(Jharkhand) जल्द ही विशेष सत्र बुलाकर केंद्र के नए मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन कर सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार भी इस एक्ट में लोगों को राहत दे सकती है।
राजनीतिक कारणों से इन राज्यों में हुए संशोधन(Amendment) के बाद उत्तराखंड(Uttarakhand) और कर्नाटक(Karnataka) ने भी यही राह पकड़ी है। उत्तराखंड ने भी 90 फीसदी जुर्माना राशि कम करने का ऐलान कर दिया है। वहीँ कर्नाटक की ओर से अभी विचार किए जाने की बात कही जा रही है। आपको बता दें कि राजस्थान(Rajasthan) और बंगाल(West Bengal) पहले से ही इस कानून के विरोध में थे। दोनों राज्यों में अभी तक एक्ट लागू भी नहीं किया गया है। वहीँ नितिन गडकरी ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी(Nitin Gadkari) ने इसके बारे में कहा है कि इस एक्ट से सरकार का इरादा किसी पर जुर्माना लगाने का नहीं बल्कि लोगों के बीच सड़क अनुशासन लाने का है।