2024 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के लिए ज़मीन तैयार करने में जुटी rss, जाने क्या है पूरी प्लांनिंग

संघ का पूरा फोकस 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए मजबूत सियासी जमीन तैयार करनी है. इसके तहत तीन बिंदुओं पर मुख्य रूप से फोकस किया जाना है

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक 16 अक्टूबर से संगम नगरी प्रयागराज में शुरू होगी. 4 दिनों तक चलने वाली इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले (Dattatreya Hosabale) समेत संघ के सभी प्रमुख पदाधिकारी शामिल रहेंगे. बैठक में शामिल होने के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत 3 दिन पहले ही प्रयागराज आ चुके हैं. बैठक में वैसे तो कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होने वाली है. सबसे अहम मुद्दा 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के लिए सियासी जमीन तैयार करने की रणनीति तैयार करने की होगी.

इस बेहद महत्वपूर्ण बैठक में संघ की स्थापना के 100 साल पूरे होने के मौके पर साल भर चलने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा भी तय की जाएगी. इसके साथ ही उन सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी, जिनका जिक्र संघ प्रमुख मोहन भागवत ने दशहरे के दिन अपने भाषण में किया था. इनमें मुख्य रूप से जनसंख्या का संतुलन, सामाजिक समरसता, अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिम समुदाय को संघ के नजदीक लाना, महिला सशक्तिकरण, मातृभाषा में कामकाज और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हुए मुद्दे शामिल हैं. इसके अलावा कुछ अन्य मुद्दे भी प्रस्ताव के तौर पर बैठक में सामने लाए जा सकते हैं.

 

 

2024 चुनाव को लिए RSS जुटी

 

 

संघ का पूरा फोकस 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए मजबूत सियासी जमीन तैयार करनी है. इसके तहत तीन बिंदुओं पर मुख्य रूप से फोकस किया जाना है. इसमें सबसे पहला है महिलाओं का सशक्तिकरण कर उन्हें संघ सरकार और बीजेपी के करीब लाना. दूसरा है जातियों में बटे हिंदू समाज को राष्ट्रवाद के नाम पर इकट्ठा करना और हिंदुत्ववादी और राष्ट्रवादी विचारधारा वाली पार्टी के करीब लाना.

तीसरा सबसे अहम मुद्दा है मुसलमानों में संघ और बीजेपी के प्रति फैले भ्रम को दूर कर उनसे सीधे तौर पर संवाद स्थापित करना. यह माना जा रहा है कि संघ की तरफ से बीजेपी के लिए यह सबसे बड़ा मास्टर स्ट्रोक होगा. इस मास्टर स्ट्रोक के जरिए संघ ना सिर्फ बीजेपी को लोकसभा चुनाव में मजबूती देना चाहेगा, बल्कि विपक्षी पार्टियों की रणनीति को भी चारों खाने चित करना भी होगा

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