BJP सांसदों का आरोप: कांग्रेस नेताओं को प्रवेश से रोकने की कोशिश में खुद को चोटिल किया
BJP सांसदों ने कथित तौर पर उन्हें धक्का देने की कोशिश की। हालांकि, भाजपा सांसदों की यह कोशिश उलटी पड़ी और वे खुद गिर गए
19 दिसंबर 2024 को संसद के बाहर एक विवादित घटना ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और लोकसभा में विपक्षी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को संसद में प्रवेश से रोकने के लिए BJP सांसदों ने कथित तौर पर उन्हें धक्का देने की कोशिश की। हालांकि, भाजपा सांसदों की यह कोशिश उलटी पड़ी और वे खुद गिर गए, जिससे भाजपा के सांसद प्रताप सारंगी को चोटें आईं। इस घटना के बाद भाजपा सांसदों ने विपक्षी नेता राहुल गांधी पर आरोप लगाना शुरू कर दिया कि उन्होंने भाजपा सांसदों पर हमला किया।
BJP का आरोप और प्रतिक्रिया
BJP ने इस घटना के बाद तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त की। भाजपा के नेताओं का कहना था कि राहुल गांधी ने और मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद में प्रवेश के दौरान भाजपा सांसदों के साथ शारीरिक तौर पर बुरा व्यवहार किया। भाजपा का आरोप था कि राहुल गांधी और खड़गे ने जानबूझकर सांसदों को चोट पहुंचाने का प्रयास किया। भाजपा ने यह भी कहा कि उन्हें इस घटना से काफी आघात पहुंचा है और विपक्षी नेताओं द्वारा किए गए हमले को कड़ी निंदा की है।
कांग्रेस का पलटवार
कांग्रेस ने BJP के आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि यह पूरी घटना भाजपा सांसदों द्वारा खुद बनाई गई स्थिति का परिणाम थी। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा के सांसदों ने ही उन्हें रोकने की कोशिश की थी, और वे खुद अपनी असंयमित हरकतों के कारण गिर पड़े। कांग्रेस ने यह भी कहा कि भाजपा सांसदों का यह आरोप एक राजनीतिक बहस को भटकाने की कोशिश है और इसका उद्देश्य लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कमजोर करना है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा के सांसद अब खुद को पीड़ित दिखाने की कोशिश कर रहे हैं और राहुल गांधी पर अनावश्यक आरोप लगा रहे हैं।
संसद का माहौल और सत्तापक्ष-विपक्ष का तनाव
इस घटना के बाद संसद का माहौल और भी तनावपूर्ण हो गया है। विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच बढ़ते विवादों और आरोपों के बीच, इस घटना ने राजनीति में और अधिक गर्मी पैदा कर दी है। पहले भी संसद में विपक्षी दलों और सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों के बीच असहमति और हिंसक झड़पें हो चुकी हैं, लेकिन यह घटना एक नया मोड़ लेकर आई है। जहां एक ओर BJP इसे विपक्षी हिंसा का परिणाम मान रही है, वहीं कांग्रेस इसे भाजपा सांसदों की अराजकता का नतीजा बता रही है।
लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल
इस घटना के बाद लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और संसद की कार्यवाही पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। जब संसद में इस प्रकार की शारीरिक हिंसा और आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता है, तो इससे संसद की मर्यादा और लोकतांत्रिक संस्थाओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगते हैं। यह स्थिति दिखाती है कि भारतीय राजनीति में विचार-विमर्श और संवाद की बजाय, अब शारीरिक हिंसा और आरोपों का रास्ता ज्यादा अपनाया जा रहा है।
Sansad के बाहर हाई ड्रामा, BJP और कांग्रेस एक-दूसरे पर हिंसा का आरोप
BJP और कांग्रेस के बीच इस घटना को लेकर जो आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं, वह राजनीतिक माहौल को और तनावपूर्ण बना रहे हैं। इस घटना से साफ है कि भारत की राजनीति में संसद की कार्यवाही का माहौल और अधिक जटिल हो चुका है, और दोनों पक्षों के बीच लगातार बढ़ता टकराव देश की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर भी प्रभाव डाल सकता है।