नाथूराम गोडसे को देशभक्त कह फँसी प्रज्ञा ठाकुर, लोकसभा में दो बार मांगनी पड़ी माफ़ी
संसद में नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहना बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा के लिए इतना भारी पड़ गया कि उन्हें 3 घंटे के भीतर दो बार लोकसभा में माफ़ी मांगनी पड़ी। गुरुवार को अपने बयान को लेकर सफाई देने के बावजूद उन्हें शुक्रवार के लोकसभा सत्र में भी माफ़ी मांगनी पड़ी। हालाँकि अपने लिए आतंकवादी शब्द इस्तेमाल किए जाने से वे नाराज़ थी, जिसकी वजह से विपक्ष ने एक बार फिर उनपर हमला बोल दिया।
शुक्रवार दोपहर 12 बजे लोकसभा में उन्होंने अपने बयान पर माफ़ी मांगते हुए कहा था कि मैंने नाथूराम गोडसे को देशभक्त नहीं कहा, फिर भी अगर किसी को ठेस पहुंचती है तो क्षमा चाहती हूं। लेकिन इसी के साथ उन्होंने बिना नाम लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला भी बोल दिया। जिसपर विवाद हो गया।
दोपहर 12 बजे मांगी पहली माफ़ी
उन्होंने कहा कि ‘महात्मा गांधी द्वारा देश के प्रति सेवा भाव का मैं सम्मान करती हूं। परंतु मैं सदन को ध्यान दिलाना चाहती हूं कि इसी सदन के एक माननीय सदस्य द्वारा मुझे सार्वजनिक तौर पर आतंकवादी कहा गया। मेरे साथ तत्कालीन सरकार द्वारा रचे गए षडयंत्र के बावजूद कोई आरोप सिद्ध नहीं हुआ है। जबतक कोर्ट से मुझे दोषी साबित नहीं किया जाता है मुझे आतंकवादी कहना कानून के खिलाफ है।’
इसके आगे उन्होंने कहा था कि, ‘कोई आरोप सिद्ध हुए बिना आतंकवादी बताना एक महिला के नाते, सांसद के नाते, संन्यासी के नाते मेरे सम्मान पर हमला करके मुझे अपमानित करने का प्रयास किया गया है. एक महिला होते हुए तत्कालीन सरकार के द्वारा मानसिक, शारीरिक रूप से मुझे प्रताड़ित रूप से….’, उनके इस कथन पर विपक्ष ने एक बार फिर हंगामा किया। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने साध्वी के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्होंने सही तरीके से माफी नहीं मांगी है | जिसके बाद लोकसभा स्पीकर ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें ये तय हुआ कि साध्वी प्रज्ञा सदन में दोबारा माफी मांगेंगी।
इसके बाद बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने एक बार फिर संसद में माफ़ी मांगते हुए कहा, ‘…मैंने 27/11/2019 को SPG बिल पर चर्चा के दौरान नाथूराम गोडसे को देशभक्त नहीं कहा। फिर भी मेरे बयान से किसी को खेद पहुंचा हो तो मैं क्षमा चाहती हूं।’ इससे पहले उन्होंने अपनी माफ़ी के दौरान उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किए जाने की बात कही थी।