‘पलटकर इतना जोर का थप्पड़ मारेंगे कि…’ शिवसेना भवन गिराने की धमकी देने वाले बीजेपी विधायक को उद्धव ठाकरे का जवाब
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि धमकाने वाली भाषा बर्दाश्त नहीं की जाएगी और इसे बोलने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने बीजेपी विधायक प्रसाद लाड की टिप्पणी के मद्देनजर यह बयान दिया है जिसमें लाड ने कहा था कि अगर जरूरी हुआ तो मध्य मुंबई में ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के मुख्यालय शिवसेना भवन को ध्वस्त कर दिया जाएगा। हालांकि, बाद में उन्होंने टिप्पणी को वापस ले लिया और खेद व्यक्त करते हुए कहा कि मीडिया ने उनकी बात को संदर्भ से बाहर प्रस्तुत किया था।
यहां बीडीडी चॉल पुनर्विकास परियोजना के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ठाकरे ने अपनी तीन- पार्टियों वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को “ट्रिपल सीट” सरकार बताया। सरकार में शिवसेना के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस शामिल हैं। हिंदी फिल्म “दबंग” के एक डायलॉग को याद करते हुए कि “थप्पड़ से डर नहीं लगता” मुख्यमंत्री ने कहा, “किसी को भी हमें थप्पड़ मारने की भाषा नहीं बोलनी चाहिए क्योंकि हम इतना जोर का थप्पड़ पलट कर मारेंगे कि दूसरा व्यक्ति अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाएगा।”
उन्होंने चॉल पुनर्विकास परियोजना के लाभार्थियों से परियोजना पूरी होने के बाद लालच में नहीं पड़ने को कहा। ठाकरे ने कहा, ”पुनर्विकास के निर्माणों में मराठी संस्कृति को किसी भी कीमत पर संरक्षित किया जाना चाहिए क्योंकि चॉलों की एक ऐतिहासिक विरासत है, जहां क्रांतिकारियों ने अपना जीवन दिया है और ये संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के साक्षी भी हैं।” कार्यक्रम में मौजूद राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि बीडीडी चॉल की विरासत की रक्षा की जानी चाहिए और मराठी भाषी लोगों को पुनर्विकसित घरों में ही रहना चाहिए।
कांग्रेस ने अन्ना हजारे से मांगी मदद, कहा- महंगाई पर आंदोलन की करें अगुआई
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने रविवार को महंगाई के खिलाफ नवी मुंबई में अपनी पार्टी के हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों के कारण महंगाई बढ़ी है। उन्होंने कहा कि आम आदमी महंगाई से परेशान है और करों का भुगतान करने के बावजूद उन्हें लाभ नहीं मिल रहा है।
पटोले ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे से भ्रष्टाचार के मुद्दों की जांच करने के लिए लोकायुक्त अधिनियम और लोकपाल की स्थापना के लिए किए गए आंदोलन की तर्ज पर आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के खिलाफ आंदोलन शुरू करने का आग्रह किया।
गौरतलब है कि यूपीए-2 सरकार के दौरान भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आने के बाद अन्ना हजारे ने दिल्ली में लोकपाल कानून के लिए आंदोलन किया था। इसी आंदोलन से आम आदमी पार्टी निकली और अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सीएम बने।