ब्राह्मण मृतकों के घर पहुंचकर भाजपा के मंत्री बृजेश पाठक बोले- न्याय होगा; मृतक के पिता बोले- मेरे बेटे को शहीद का दर्जा मिलेगा
लखीमपुर हिंसा में भाजपा का ब्राह्मण कार्ड:
लखीमपुर हिंसा के बाद विपक्षी दलों ने जिन ब्राह्मण मृतकों के परिजनों से मिलने से परहेज किया था, अब भाजपा वहां पहुंच गई है। कानून मंत्री बृजेश पाठक मृतक शुभम मिश्रा और हरिओम मिश्रा के परिजनों से मिलने उनके घर पहुंचे।
हरिओम मिश्रा के पिता ने कहा है कि मंत्री ने न्याय का भरोसा दिलाया है। मेरे बेटे को शहीद का दर्जा दिया जाएगा।
लखीमपुर में चार किसानों सहित हुई आठ हत्याओं के बाद कांग्रेस, सपा और बसपा के दिग्गज नेता संवेदना व्यक्त करने पहुंचे। लेकिन वे हिंसा में मारे गए दोनों ब्राह्मणों के परिवारों से मिलने नहीं गए। इस अनदेखी से लखीमपुर सहित पूरे तराई में अब ब्राह्मण लामबंद हो रहे हैं। ऐसे में भाजपा के मंत्री ने यहां पहुंचकर ब्राह्मणों के साथ खड़े होने का संदेश दिया है। इस लामबंदी का फायदा भाजपा लेना चाहती है।
हरिओम मिश्रा के परिजनों को सांत्वना देते मंत्री बृजेश पाठक।
दूसरी तरफ 2014 के लोकसभा चुनाव से भाजपा के साथ खुलकर आए सिख समुदाय का ही एक धड़ा 1984 के दंगों का हवाला देकर कांग्रेस को सिख विरोधी कहकर उसकी सहानुभूति लेने से इनकार करने लगा। जिले के प्रबुद्धजनों का कहना है कि चुनाव बेहद करीब है। हिंसा के बाद माहौल हिन्दू बनाम सिख करने की कोशिश हो रही है।
पूर्वांचल के ब्राह्मण नेताओं का जुट रहा हुजूम
हिंसा के बाद मृतक ब्राह्मणों के परिवार के साथ भेदभाव की बात उठी तो सबसे पहले पूर्वांचल के ब्राह्मणों के कानों तक पहुंची। इसके बाद से नेताओं के आने-जाने का सिलसिला लगातार जारी है। इससे यह भी अंदाज लग गया कि जिले के लोग इस हिंसा को केवल किसानों से जोड़कर नही देख रहे हैं बल्कि हर मरने वाले के प्रति उनकी सच्ची संवेदना है। माहौल को समझते ही बीजेपी ने ब्राह्मण पीड़ित परिवारों के जख्म पर मरहम लगाने के लिए मंत्री बृजेश पाठक को भेज दिया।
बेटे की गिरफ्तारी ने बदली तस्वीर, इस्तीफे की मांग जारी
हिंसा के मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र का बेटा सलाखों के पीछे पहुंच गया। जिले में दबंग छवि वाले अजय मिश्र की अब तक जो इमेज लोगों ने देखी थी उससे किसी को उनकी इस खामोशी का अंदाजा नहीं था। लेकिन अब उनकी खामोशी को नैतिकता और जिम्मेदार जनप्रतिनिधि के नजरिए से देखा जा रहा है। दूसरी ओर मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी को भाजपा सरकार का क्राइम के प्रति जीरो टॉलरेंस माना जा रहा। हालांकि अभी मंत्री के इस्तीफे को लेकर किसान नेताओं का दबाव बना हुआ है, लेकिन विपक्ष के विरोध का सुर थोड़ा कम हो गया है।
बेटे के पुलिस हिरासत में जाने के बाद मंत्री अजय मिश्रा अपने समर्थकों को समझाते हुए।
दलित और कुर्मी वोटरों का दबदबा
राजनीतिक नजरिए से देखें तो लखीमपुर खीरी की करीब 40 लाख आबादी में सिख समुदाय की हिस्सेदारी बेहद कम है। इस इलाके में दलित और पिछड़े वर्ग के वोटरों का दबदबा है। यहां करीब 4.25 लाख दलित और पांच लाख ओबीसी वोटर हैं। इसके अलावा मुस्लिम वोटर भी करीब 3.25 लाख हैं।
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