अखिलेश और मायावती के कोर वोट बैंक को साधने की जुगत में BJP, बनाई ये समीकरण
BJP की नई लाइन-अप में जाट, गुर्जर, यादव, कुर्मी और निषाद सहित ओबीसी समुदायों के 19 मंत्री शामिल हैं.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भारतीय जता पर्टी की नई 52 सदस्यीय टीम में जातीय समीकरण का संतुलन साधने की कोशिश की गई है. पार्टी को उम्मीद है कि इससे राज्य के प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी पर आगामी 2024 में जीत हासिल करने में मदद मिलेगी. समाजवादी पार्टी के गैर-यादव ओबीसी और उसके प्रमुख अखिलेश यादव के “जन आंदोलन” की तैयारी के साथ, BJP की नई लाइन-अप में जाट, गुर्जर, यादव, कुर्मी और निषाद सहित ओबीसी समुदायों के 19 मंत्री शामिल हैं.
माना जा रहा है कि यूपी की नई कैबिनेट के जरिए आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर अभी से सक्रिय हो गई है. लगातार 2 बार मिली ऐतिहासिक जीत के बाद वह किसी भी ऐसे फैसले के मूड में नहीं दिख रही जिससे कि साल 2024 के चुनाव में उसके समीकरण पर कोई असर पड़े. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी बीते दिनों आगामी लोकसभा चुनाव में 75 सीटें हासिल करने का विश्वास जताया था.
मायावती के दलित वोट बैंक को साधने की कोशिश
वहीं, बसपा के हारने के साथ ही, बीजेपी उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और बसपा प्रमुख मायावती की जाति के पूर्व आईपीएस अधिकारी अरुण आसिम सहित आठ दलित मंत्रियों को नियुक्त करके मायावती के बेस वोट पर कब्जा करने की कोशिश में लगी है. बीजेपी ने अपनी नई टीम में अपर कास्ट के वोट बेस का भी पूरा ध्यान रखा है. पार्टी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को ब्राह्मण समुदाय के एक अन्य सदस्य ब्रजेश पाठक से रिप्लेस करके अपर कास्ट का ध्यान रखा है. सिराथू से हारने के बावजूद केशव प्रसाद मौर्य को डिप्टी सीएम के रूप में बरकरार रखा गया है.
कुछ ऐसा है यूपी कैबिनेट का जातीय समीकरण
जाति मंत्रियों की संख्या प्रतिशत
ओबीसी 19 36%
ब्राह्मण 7 13.5%
ठाकुर 7 13.5%
भूमिहार 2 4%
दलित 8 15%
वैश्य 4 8%
मुस्लिम 1 2%
कायस्थ 1 2%
सिख 1 2%
खत्री 1 2%
आदिवासी 1 2%