Priyanka Gandhi को भाजपा ने 1984 के दंगों से जुड़ी टोट बैग दिया, क्या है इसका राजनीतिक संदेश?
Priyanka Gandhi वाड्रा हाल ही में संसद में एक टोट बैग के साथ चर्चा में आईं, जिस पर 'पैलेस्टाइन' शब्द और तरबूज के प्रतीक उकेरे गए थे
कांग्रेस नेता Priyanka Gandhi वाड्रा हाल ही में संसद में एक टोट बैग के साथ चर्चा में आईं, जिस पर ‘पैलेस्टाइन’ शब्द और तरबूज के प्रतीक उकेरे गए थे। प्रियंका गांधी ने इस बैग को संसद में पहना, जिससे वह एक राजनीतिक बयान देने की कोशिश कर रही थीं। इस बैग को लेकर भाजपा ने तीखी आलोचना की थी और इसे “सम्प्रदायवाद को बढ़ावा देने” का आरोप लगाया था, जिसे भाजपा ने “ध्यान आकर्षित करने की एक चाल” के रूप में देखा। प्रियंका गांधी के इस कदम को लेकर भाजपा ने उन्हें ‘पैलेस्टाइन का पक्षधर’ बताकर निशाना साधा था।
भा.ज.पा. की प्रतिक्रिया: 1984 दंगों का प्रतीक बैग
Priyanka Gandhi के इस बयान पर प्रतिक्रिया देने के लिए भाजपा ने एक राजनीतिक कदम उठाया। भाजपा की सांसद अपराजिता सारंगी ने प्रियंका गांधी को एक बैग दिया, जिस पर ‘1984’ लिखा था, जो सीधे तौर पर 1984 के सिख विरोधी दंगों की याद दिलाता है। यह घटना तब हुई थी जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली और अन्य स्थानों पर सिखों के खिलाफ हिंसा भड़की थी। भाजपा के इस कदम को एक तरह से प्रियंका गांधी के बयान के जवाब के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें पार्टी ने 1984 के दंगों की याद ताजा करने का प्रयास किया है।
1984 के सिख विरोधी दंगे और राजनीतिक संदर्भ
1984 में हुए सिख विरोधी दंगे भारतीय राजनीति के एक काले अध्याय के रूप में याद किए जाते हैं। इन दंगों में हजारों सिखों की हत्या की गई थी और उनकी संपत्ति को जलाया गया था। यह दंगे इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के थे, जब उनके हत्या के आरोपियों का संबंध सिख समुदाय से था। हालांकि कई नेता और संस्थाएं इन दंगों की निंदा करती हैं, कुछ राजनीतिक दलों ने इस घटना को लेकर अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए हैं। भाजपा ने इस घटना को बार-बार उठाया है, खासकर कांग्रेस पार्टी के नेताओं के संदर्भ में, जिन पर इन दंगों में भागीदारी के आरोप लगते रहे हैं।
Priyanka Gandhi को दिए गए बैग का संदेश
भा.ज.पा. द्वारा प्रियंका गांधी को दिया गया बैग एक प्रतीकात्मक कदम था, जिसे सिख विरोधी दंगों के संदर्भ में पेश किया गया। इस बैग पर ‘1984’ लिखा होने से यह संदेश देने की कोशिश की गई कि प्रियंका गांधी और कांग्रेस पार्टी को इस दुखद घटना की जिम्मेदारी लेनी चाहिए, विशेष रूप से कांग्रेस के कुछ नेताओं के कथित जुड़ाव को लेकर। इस कदम को भाजपा ने एक राजनीतिक बयान के रूप में प्रस्तुत किया, जो कांग्रेस पार्टी के इतिहास को चुनौती देने का एक प्रयास था।
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Priyanka Gandhi के ‘पैलेस्टाइन बैग’ के बाद भाजपा द्वारा दिया गया ‘1984’ बैग एक राजनीतिक मुद्दे के रूप में उभरा है। यह घटना दिखाती है कि भारतीय राजनीति में किसी भी बयान या प्रतीक का बहुत गहरा राजनीतिक और सांस्कृतिक अर्थ हो सकता है। भाजपा ने इस कदम के माध्यम से 1984 के सिख विरोधी दंगों को एक बार फिर राजनीतिक विमर्श का हिस्सा बना दिया है। इस पूरे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय राजनीति में प्रतीकों और बयानों की ताकत कितनी महत्वपूर्ण हो सकती है।