अर्पणा, स्वाति, रीता और दयाशंकर को बीजेपी ने नहीं दिया टिकट
जानें लखनऊ समेत इन 17 सीटों पर BJP ने किसे दिया टिकट
लखनऊ: भारतीय सिनेमाघरों में 1982 में एक फिल्म आई निकाह जिसमें कुछ गाने की लाइनें थी दिल के अरमां आंसुओं में बह गए हम वफा करके भी तंहा रह गए उत्तर प्रदेश के सियासी समीकरणों का हिस्सा और फिर उसके बाद टिकटों की दावेदारी कुछ यही बयां करती है उस वक्त जब भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट को जारी किया तो कहीं खुशी का माहौल तो कहीं गम का पहाड़ टूट गया
उम्मीदवारों की लिस्ट को जारी किया
ऐसा उस वक्त घटा जब भारतीय जनता पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट को जारी किया जारी करते ही राजधानी लखनऊ की सभी सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया गया। इस सूची में कई दिग्गजों के अरमानों पर पानी फेर दिया। लखनऊ की सीटों से कई नामी-गिरामी चेहरे दावेदार है नगर से विधायक और मंत्री बनी स्वाति सिंह का भी टिकट काट दिया गया। पिछले दिनों और स्वाति सिंह और उनके पति दयाशंकर सिंह के बीच टिकट को लेकर खबरें आई थी ।भाजपा ने दोनों का टिकट काट दिया यही नहीं समाजवादी पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए मुलायम सिंह यादव की बहू अर्पणा यादव को लखनऊ कैंट से दावेदार माना जा रहा था।
अखिलेश के खिलाफ करहल से भी उतरने की इच्छा
उन्होंने एक दिन पहले ही अखिलेश के खिलाफ करहल से भी उतरने की इच्छा जताई थी। इसके बाद भी ना उन्हें करहल से उतारा नही गया लखनऊ से उनका भी टिकट काट दिया गया। यही नहीं भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के हाथ में भी निराशा हाथ लगी रीता अपने बेटे के लिए लखनऊ पूर्व की सीट मांग रही थी। उन्होंने तो बेटे को टिकट के लिए संसदीय छोड़ने की इच्छा जता दी थी। भाजपा अध्यक्ष को पत्र लिख दिया था। उसके बाद बीजेपी ने उनके बेटे को टिकट नहीं दिया लंबी माथापच्ची के बाद लखनऊ के 9 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया गया ।और एक बार फिर लखनऊ के कैंट विधानसभा कल्याण सिंह के रहे करीबी राजेश्वर सिंह को टिकट दे दिया गया। जिससे बीजेपी में उथल-पुथल मच चुकी है सूत्रों की माने तो रीता बहुगुणा जोशी भाजपा से अपना इस्तीफा देंगी। लिहाजा चुनाव नजदीक है। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कौन सा प्रत्याशी जीतेगा और कौन हारेगा यह तो आने वाला वक्त ही तय करेगा। लेकिन एक बार बीजेपी पार्टी में अंदर ही महासंग्राम मचा हुआ है। ।