“भाजपा बन गई भारतीय जमीनी…”, अखिलेश यादव के इस बयान से बौखलाए भाजपाई, औरंगजेब पर भी..
अखिलेश यादव का भाजपा पर तंज, कहा- 'नफरत की राजनीति छोड़ो'

एक निजी मीडिया हाउस के विशेष कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इतिहास और वर्तमान राजनीति पर खुलकर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि आज के दौर में जनता को ऐसे इतिहास से दूर रहने की ज़रूरत है जो समाज में दरार पैदा करे। भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब जवाब देने को कुछ न हो, तो ये लोग इतिहास के बहाने ध्यान भटकाने लगते हैं।
“इतिहास से नफरत नहीं, सीख लेनी चाहिए” – अखिलेश यादव
इसी दौरान जब अखिलेश यादव से औरंगजेब और छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा:
“जो इतिहास हमें सही दिशा न दिखा सके, जो प्रगति की राह न दिखाए और सिर्फ नफरत फैलाए, उसे इतिहास ही रहने देना चाहिए। समाज को पीछे ले जाने की नहीं, आगे बढ़ाने की जरूरत है।”
उन्होंने यह भी कहा कि धार्मिक टिप्पणियों या भड़काऊ बयानों से समाज में नकारात्मकता फैलती है और इससे केवल सत्ता में बैठे लोगों को फायदा होता है।
“नाम बदलने की राजनीति से विकास नहीं होता”
अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए वर्तमान सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि:
“हमने आगरा में मुगल म्यूजियम बनवाया, जिसे बाद में बदलकर शिवाजी म्यूजियम करने की घोषणा कर दी गई। मैं इसका विरोधी नहीं हूं, लेकिन नाम बदलकर राजनीति करने की बजाय उसका बजट देकर उसे पूरा कर देते तो आज वो म्यूजियम देश की पहचान बनता।”
उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ प्रतीक बदल रही है, जबकि ज़रूरत जमीनी बदलावों की है।
“डेमोक्रेसी खतरे में, दुनिया देख रही है”
अखिलेश ने मौजूदा हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत आज दुनिया के लोकतांत्रिक देशों की सूची में पिछड़ रहा है। उन्होंने कहा:
“दुनिया के 100 इन्फ्लुएंसर की लिस्ट में भारत का कोई नाम नहीं है, क्योंकि दुनिया जान चुकी है कि यहां प्रेस की आज़ादी, समानता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में है।”
उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी नेताओं को झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है और बुलडोजर के नाम पर लोकतंत्र को कुचला जा रहा है।
“भाजपा अब ‘भारतीय जमीनी पार्टी’ बन गई है”
अपने व्यंग्यात्मक अंदाज़ में अखिलेश यादव ने कहा:
“भाजपा अब ‘भारतीय जनता पार्टी’ नहीं, ‘भारतीय जमीनी पार्टी’ बन गई है। जहां भी जमीन दिखे, कब्जा कर लेते हैं। जैन समाज तक को नहीं छोड़ा गया।”
उन्होंने कहा कि यह सत्ता में बैठे लोगों की भूख को दिखाता है, जो विकास की बजाय संपत्ति पर कब्जे की राजनीति कर रहे हैं।
असली मुद्दे – रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और महंगाई
इस पूरे संवाद में अखिलेश यादव का फोकस सकारात्मक राजनीति, लोकतंत्र की रक्षा और जनता के मुद्दों पर बना रहा। उन्होंने बार-बार दोहराया कि जनता को नकारात्मकता फैलाने वालों से सावधान रहना चाहिए और असली मुद्दों – रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और महंगाई – की ओर ध्यान देना चाहिए।