Birthday Special : कितना जानतें हैं आप पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के बारे में?
मायावती एक भारतीय महिला नेत्री और अपने समर्थकों में बहन जी के नाम से जानी जाती है।
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष है।
मायावती देश की सबसे पहली युवा महिला मुख्यमंत्री होने के साथ-2 उन्हें सबसे प्रथम दलित मुख्यमंत्री होने का भी श्रेय प्राप्त है ।
वे चार बार उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी है ।
मायावती कब-कब रहीं मुख्यमंत्रीः
- 3 जून 1995–18 अक्टूवर 1995
- 21 मार्च 1997–20 सितम्बर 1997
- 3 मई 2002–26 अगस्त , 2003
- 13 मई 2007–6 मार्च 2012
मायावती का जन्म 15 जनवरी 1956 को दिल्ली में एक दलित परिवार में हुआ। पिता प्रभु दयाल जी भारतीय डाक तार विभाग के वरिष्ठ लिपिक के पद से सेवा निवृत हुए।
उनकी माता रामरती अनपढ़ महिला थी परन्तु उन्होंने अपने सभी बच्चों की शिक्षा में रुचि ली और सबको योग्य बनाया।
उन्होंने 1975 में दिल्ली विश्वविद्यालय के कालिंदी कालेज से कला में स्नातक की।
1976 में उन्होंने मेरठ विश्वविद्यालय से बी.एड और 1983 में दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई की।
राजनीति में प्रवेश से पूर्व वे दिल्ली के एक स्कूल में शिक्षण कार्य करती थी। इसके अलावा वे भारतीय प्रशासनिक सेवा के परीक्षाओं के लिये अध्ययन भी करती थी।
सन् 1977 में कांशीराम के सम्पर्क में आने के बाद उन्होंने एक पूरी तरह से राजनीतिज्ञ बनने का निर्णय ले लिया।
कांशीराम के संरक्षण के अन्तर्गत वे उस समय उनकी कोर टीम का हिस्सा रहीं, जब सन् 1984 में बसपा की स्थापना हुई थी।
मायावती का असली नाम चंद्रावती था इसी नाम से उनकी पढ़ाई भी हुए मगर बहुजन समाज पार्टी के गठन के बाद मायावती सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया तब काशीराम जी ने उनका नाम बदल मायावती रख दिया।
सन् 2001 में पार्टी के संथापक काशीराम ने मायावती को दल अध्यक्ष के रूप में उत्तराधिकारी घोषित किया।
मायावती के लगातार हार का कारण अपनी मूर्तियां लगाना और अपने मंत्रियों द्वारा घोटाले सबसे बड़ा ताज कॉरिडोर रहा मायावती का पूरे पांच साल का शासन सवालों के घेरे में था ।
लेकिन 2014 आते 2 राजनैतिक परिदृश्य बदल गया नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री बने ।और 2019में अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लोग साथ लोकसभा चुनाव लड़ा।
मायावती अपने शासनकाल में कई घोटाले आरोप में जरूर रही मगर उनका राजनैतिक कैरियर अद्भुत रहा एक समाय्य परिवार से आई एक दलित महिला ने ऐसा मुकाम हासिल किया जैसा काम ही महिलाओं ने किया है।