इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी जिंदा थे बिपिन रावत, हिंदी में लिया अपना नाम
हेलिकॉप्टर क्रैश में सीडीएस बिपिन रावत पत्नी सहित 13 लोगों ने गंवाई जान
नई दिल्ली: तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलिकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वाले सीडीएस बिपिन रावत हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद भी जिंदा थे। इस दर्दनाक हादसे में हेलिकॉप्टर के मलबे से निकाले जाने पर उन्होंने हिंदी में अपना नाम बताया था। इस बात की जानकारी एक बचाव दल के सदस्य ने दी थी। बता दें मलबे से सिर्फ जनरल बिपिन रावत को ही नहीं बल्कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह भी निकाला गया था। हालंकि उनकी भी हालत नाजुक बताई जा रही हैं।
बाहर निकाले जाने पर बताया था नाम
इस दर्दनाक हादसे के बाद घटनास्थल पर पहुंचे वरिष्ठ फायरमैन और बचावकर्मी एनसी मुरली ने बताया कि हमने दो लोगों को जिंदा बचाया। इनमें से एक सीडीएस रावत थे। मुरली ने बताया कि जैसे ही हमने उन्हें बाहर निकाला, उन्होंने रक्षाकर्मियों से हिंदी में बड़ी ही धीमी आवाज अपना नाम बोला। हालांकि हॉस्पिटल पहुंचने से पूर्व उनकी मौत हो गई। मुरली के अनुसार, वह दूसरे व्यक्ति की पहचान नहीं कर सके जिसे अस्पताल ले जाया गया और उसका अभी इलाज जारी है।
चादर में लपेट कर भेजा गया एम्बुलेंस में
मुरली ने कहा कि जनरल रावत ने बताया कि उनके शरीर के निचले हिस्से में गंभीर चोटें आई हैं। जिसके बाद उन्हें चादर में लपेट कर एम्बुलेंस में ले जाया गया।” बचाव दल को इस इलाके को बचाव कार्यों में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। वहीं यहां आग बुझाने के लिए दमकल वाहन को ले जाने के लिए भी कोई रास्ता नहीं था। मुरली ने कहा कि हमें पास की नदी और घरों से बर्तनों में पानी लाना पड़ा।
उखड़े पेड़ ने बचाव कार्य में पैदा की बाधा
बता दें बचाव कार्य के दौरान एक उखड़ा हुआ पेड़ बाधा बन गया। जिसे बाद में काटना पड़ा। इस सब ने हमारे बचाव कार्य में देरी की थीं। इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि हमने 12 शव बरामद किए। दो लोगों को जिंदा निकाल लिया गया, दोनों गंभीर रूप से झुलस गए थे। वहीं सीनियर फायरमैन ने कहा कि मलबे के बीच हथियार पड़े थे, इसलिए हमें सावधानी से ऑपरेशन करना पड़ा।
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