बिहार के EX-IPS अधिकारी ने DGP को लिखा पत्र, नियुक्ति घोटाले के आरोपी और नीतीश कैबिनेट में मंत्री मेवालाल चौधरी से हो पूछताछ
पटनाः बिहार में नीतीश कुमार एक बार फिर से बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लिया है। नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में एनडीए घटक दल के कुल 15 नेताओं मंत्री पद की शपथ ली । जेडीयू कोटे से भ्रष्टाचार के आरोपी विधायक मेवालाल चौधरी को भी मंत्री बनाया गया है। मेवालाल को मंत्री बनाये जाने पर नीतीश कुमार के सुशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं. न्यूज4नेशन के द्वारा यह खुलासा किये जाने के बाद सीएम नीतीश एक बार फिर से विरोधियों के निशाने पर आ गए हैं।
अब बिहार के एक पूर्व आईपीएस अधिकारी ने मेवालाल चौधरी को लेकर बिहार के डीजीपी को पत्र लिखा है। आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास ने डीजीपी को लिखे पत्र में कहा है कि बिहार सरकार के मंत्री मेवालाल चौधरी की धर्मपत्नी नीता चौधरी 27 मई 2019 को अपने आवास पर पूरी तरीके से जल गई थी। 2 जून 2019 को उनकी मौत हो गई। मेवालाल चौधरी पर भागलपुर के सबौर थाने में नियुक्ति घोटाले का मामला दर्ज किया गया था।
अमिताभ कुमार दास अपने पत्र में लिखते हैं कि मुझे जानकारी है कि मेवालाल चौधरी की पत्नी की मौत के पीछे एक गहरा राजनीतिक षड्यंत्र है। संभवत मौत के तार नियुक्ति घोटाले से भी जुड़े हैं। सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर बिहार पुलिस ने अद्भुत तत्परता दिखाई थी। कृपया नेता चौधरी की रहस्यमई मौत में एसआईटी का गठन कर मंत्री मेवालाल चौधरी से गहन पूछताछ की जाए।
मेवालाल पर घोटाले के हैं गंभीर आरोप
जेडीयू के विधायक मेवालाल चौधरी जिस पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं और बिहार की निगरानी जांच ब्यूरो ने केस दर्ज कराया था उनको भी मंत्री पद से सम्मानित किया गया है। जेडीयू के विधायक और वर्तमान में मंत्री पद की शपथ ले चुके मेवालाल चौधरी 2010-15 के बीच में सबौर कृषि विवि में वाइस चांसलर थे। इन पर जूनियर वैज्ञानिक की बहाली में धांधली और भवन निर्माण में घपला के गंभीर आरोप हैं। मामला सामने आने के बाद बिहार में काफी हाय-तौबा मची थी। बिहार में नीतीश सरकार की फजीहत होने के बाद इस मामले की निगरानी ब्यूरो से जांच कराई गई। निगरानी ब्यूरो की जांच में आरोप प्रमाणित हुए इसके बाद मेवालाल चौधरी पर स्पेशल विजिलेंस ने 2017 में केस दर्ज किया था और भागलपुर के सबौर थाने में भी 2017 में केस दर्ज हुआ था। जदयू के विधायक मेवालाल चौधरी के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420, 46,7 468, 471 और 120 बी के तहत भ्रष्टाचार के मुकदमा दर्ज है। इनके खिलाफ अभी भागलपुर के एडीजे-1 की अदालत में मामला लंबित है।