घोटालेबाज़ के आरोपित मंत्री के लिए हुआ बिहार की उपमुख्यमंत्री को दुःख
बिहार के शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी को लेकर राजनीति गर्म है. घोटाले के आरोपी मेवालाल चौधरी को लेकर विपक्ष नीतीश सरकार को घेर रहा है. सरकार की फजीहत भी हो रही है. उसके बाद बीजेपी बचाव में उतर गई है.
आरोप लगाने से कोई दोषी नहीं होताबिहार के डिप्टी सीएम रेणु देवी ने कहा कि किसी पर आरोप लग जाने से कोई दोषी नहीं हो जाता है. मेवालाल चौधरी अच्छे और सुलझे हुए नेता हैं. वही, वैशाली में रेणु देवी मेवालाल पर बयान देने से बचती हुई नजर आई. कहा कि आगे देखा जाएगा. मेवालाल चौधरी ने आज शिक्षा मंत्री का पदभार ग्रहण कर लिया हैं. मंत्री पद का शपथ लेने के बाद वह तीसरे दिन शपथ लिए हैं. शपथ से पहले सीएम नीतीश कुमार ने कल शाम उनको अपने आवास पर तलब किया था.
मेवालाल पर घोटाला का आरोप
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने बिहार के बड़े नौकरी घोटाले के आरोपी को अपना शिक्षा मंत्री बनाया है. बिहार के नये शिक्षा मंत्री बने मेवालाल चौधरी पर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहते नौकरी में भारी घोटाला करने का आरोप है. उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है. देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद ने बिहार का राज्यपाल रहते मेवालाल चौधरी के खिलाफ जांच करायी थी और उन पर लगे आरोपों को सच पाया था. ये जांच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर हुई थी. मेवालाल चौधरी पर सबौर कृषि विश्वविद्यालय के भवन निर्माण में भी घोटाले का आरोप है. सबसे बड़ी बात ये है कि मेवालाल चौधरी के इस बड़े घोटाले के खिलाफ सत्तारूढ जेडीयू के नेताओं ने भी आवाज उठायी थी. विधान परिषद में जेडीयू विधान पार्षदों ने मेवालाल चौधरी के खिलाफ हंगामा ख़ड़ा कर दिया था. वहीं बाद में बीजेपी के नेता सुशील कुमार मोदी ने इसे जोर शोर से उठाया था. सुशील कुमार मोदी सबूतों का पुलिंदा लेकर तत्कालीन राज्यपाल रामनाथ कोबिंद से मिले थे. इसके बाद जांच हुई और जांच में पाया गया कि मेवालाल चौधरी ने कृषि विश्वविद्यालय का कुलपति रहते बड़ा घोटाला किया. ये घोटाला 161 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति में हुआ था. मेवालाल चौधरी पर लगे आरोपों को लेकर विपक्षी पार्टियां लगातार सरकार पर हमला बोल रही हैं. लेकिन नीतीश कुमार ने चुप्पी साध रखी है.