बिहार विधानसभा चुनाव : पार्टियों में सीट न मिलने से भभुआ के निर्दल प्रत्याशी का छलका दर्द
बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में 28 अक्टूबर को कैमूर जिले में मतदान होने हैं। जिसके लिए सभी लोग एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं । कोई अपने पार्टी के सिंबल के साथ खड़ा है तो कोई पार्टी से नाराज होकर निर्दल ही मैदान में कूद चुका है।
भभुआ विधानसभा क्षेत्र में निर्दल प्रत्याशी के रूप में मैदान में कूदे प्रत्याशी डॉ प्रमोद सिंह पटेल को पहले उम्मीद था की उनको जदयू से टिकट मिलेगा। जदयू जिला अध्यक्ष के रूप में भी काम कर रहे थे डॉ प्रमोद सिंह पटेल। जब कैमूर जिले के चारों विधानसभा की सीटें बीजेपी को चली गई तो प्रमोद सिंह पटेल निर्दल ही मैदान में उतर गए और जनता के बीच जाकर कहते देखे जा रहे हैं। अगर मैंने आपकी सेवा किया हो तो मुझे वोट दें अन्यथा मुझे वोट नहीं दें । प्रमोद सिंह पटेल अपने कार्यकर्ताओं के साथ प्रतिदिन लोगों के बीच जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं ।
जानकारी देते हुए प्रमोद सिंह पटेल ने बताया मैं पहले किसी दल का था लेकिन दल के गठबंधन में जिस तरह की भागीदारी नहीं मिली और मुझे बाध्य होकर सभी कार्यकर्ताओं के निर्णय पर हमने निर्दल उम्मीदवारी भरा। कैमूर के चारों सीट और दो एमएलसी के सीट, और लोकसभा की सीट भाजपा को है। हम लोग गठबंधन में अपना हिस्सेदारी मांग रहे थे लेकिन जब नहीं मिला तो सभी कार्यकर्ता नाराज हुए और सब के निर्णय पर हम कैमूर जिले की एक विधानसभा भभुआ सीट पर लड़ रहे हैं। आज निर्दल प्रत्याशी के रूप में भभुआ विधानसभा में खड़ा हूं । जो एनडीए के गठबंधन धर्म के लोगों को यह विश्वास है कि मैं अपने बदौलत जीता हूं तो हम लोग भी निर्दल लड़कर जितने का काम करूंगा। जनता के सहयोग से इस विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रहा ।नरोत्तम पुर गांव पहले मोहनिया विधानसभा में पड़ता था। लेकिन 5 साल इस एरिया में काम करने का मौका मिला है। मैंने करके दिखाया है। मैं लोगों से जन संपर्क करते हुए एक ही बात कह रहा हूं अगर मैंने जनता का काम किया हुँ तो मुझे वोट दीजिए ,अगर नहीं किए हैं तो मुझे वोट नहीं चाहिए। ऐसे विधानसभा क्षेत्र में टोटल 14 प्रत्याशी मैदान में हैं। जनता से पूछना चाहता हूं आप सभी प्रत्याशियों को देख ले उसके बाद जो काम करने वाला है उसी को जिताने का काम करें। मैं किसी प्रत्याशी को बुरा नहीं कह रहा हूं।
रिपोर्टर : अजीत कुमार गुप्ता