ये है दुनिया का सबसे बड़ा फूल, जिसे इस वजह से कहते हैं लाशों का फूल!
इंडोनेशिया के द्वीप सुमात्रा के पश्चिम मध्य जंगलों में दुनिया का सबसे बड़ा फूल पाया गया है। यह फूल दुनिया के सबसे बड़े फूल ‘रेफ्लेशिया’ प्रजाति का अभी तक पाया गया सबसे बड़ा फूल है। रिपोर्ट के अनुसार, यह फूल चार वर्ग फीट में फैला हुआ है। इससे पहले साल 2017 में तब तक का सबसे बड़ा फूल पाया गया था। वह रेफ्लेशिया फूल तीन फीट बड़ा और उसका वजन 12 किलोग्राम था।
रफलेशिया एक परजीवी पौधा है, जिसकी बनावट कुछ-कुछ सूरजमुखी की तरह होती है। हालाँकि, इस फूल का रंग केसिरया आसमानी और सफेद होता है। यह पौधा किसी संक्रमित पेड़ की जड़ से शुरू होकर एक एक गाँठ के रूप में बढ़ता है। बंदगोभी के आकार का होने के चार दिनों के अंदर इसकी पंखुड़ियाँ खुलकर इसे पूरे फूल का आकार देती हैं। इस पौधे में ज़मीन के ऊपर फूल के अलावा कोई कोई पत्ती या जड़ नहीं होती। फूल से शेष सभी भाग कवक जाल की तरह पतले होते हैं, जमीन के अन्दर ही धागों के रूप में फैले रहते हैं।
रेफ्लेशिया का पौधा दूसरे पेड़-पौधों की जड़ों से भोजन चूसते हैं। वहीँ, ज़मीन के ऊपर, यह परजीवी फूल कीट-पतंगों को भोजन बनाता है। दरअसल, इसकी प्यालीनुमा पुष्पनाल में मौजूद गंध कीट-पतंगों को खूब आकर्षित करती है। ऐसे में, फूल के बीच वाले भाग में घुसते ही ये कीट मर जाते हैं। हालाँकि, इंसानो के लिए यह गंध काफी बदबूदार होती है। चूँकि यह दुर्गन्ध काफी हद तक एक सड़े मांस की बदबू जैसी होती है, इसलिए स्थानीय लोग इस फूल को ‘लाशों का फूल’ भी कहते हैं।
यह फूल साल के कुछ चुनिंदा महीनो में ही खिलता है। अक्तूबर से खिलने की शुरुआत होकर मार्च तक यह फूल पूरी तरह खिल जाता है। पूरा खिलने के बाद यह फूल जल्दी ही सड़ कर नष्ट भी हो जाता है।
इस फूल की खोज सबसे पहले इंडोनेशिया के जंगलों में ही हुई थी। इस फूल का नामकरण इसके खोजी दल के नेता सर थॉमस स्टैमफोर्ड रेफ्लस के नाम पर किया गया था। अभी तक इस फूल की 26 प्रजातियां खोजी जा चुकी हैं। आमतौर पर इस फूल का व्यास 1 मीटर तक बड़ा और वजन 10 किलोग्राम तक होता है। इस प्रजाति में पाए गए सबसे छोटे फूल का व्यास 20 सेंटीमीटर था।