हरीश रावत स्टिंग मामले में सीबीआई को उत्तराखंड हाइकोर्ट से मिली बड़ी जीत
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आज सीबीआई (CBI) को हरीश रावत (Harish Rawat) स्टिंग केस में जांच जारी रखने और एफ़आईआर (FIR) दर्ज करने की छूट दे दी है | हाईकोर्ट में जस्टिस सुंधाशु धूलिया की बेंच ने सुनवाई के बाद सीबीआई से कहा है कि उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने या कोई और कार्रवाई करने की छूट है | लेकिन इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि 31 मार्च, 2016 का मामला जिसमें राज्यपाल द्वारा सीबीआई जांच की संस्तुति और 15 मई को सीबीआई जांच को एसआईटी में बदलने संबंधी केस गया उसके अन्तिम निर्णय पर निर्भर रहेंगे | कोर्ट इस मामले में एक नवंबर को सुनवाई करेगी |
बता दें कि 2016 में विधायकों की खरीद-फ़रोख्त के आरोप में किए गए एक स्टिंग में केन्द्र सरकार ने 2 अप्रैल, 2016 को राज्यपाल की मंजूरी के बाद सीबीआई जांच शुरु की थी | इधर राज्य में कांग्रेस सरकार की बहाली हो गई और सरकार ने कैबिनेट बैठक में सीबीआई जांच को निरस्त कर मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया | इसके बाद भी सीबीआई ने जांच जारी रखी और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को जांच के लिए 9 अप्रैल, 2016 को समन भेजा |
सीबीआई के लगातार समन भेजे जाने को हरीश रावत ने हाईकोर्ट में चुनौती दी और कहा कि राज्य सरकार ने 15 मई, 2016 को सीबीआई जांच के आदेश को वापस ले लिया था और एसआईटी का गठन कर दिया गया था | इसलिए सीबीआई को इस मामले की जांच का कोई अधिकार ही नहीं है | सीबीआई की पूरी कार्रवाई को निरस्त किया जाए | हाईकोर्ट ने सीबीआई को केस की जांच जारी रखने की इजाज़त देते हुए यह कहा था कि कोई भी कदम उठाने से पहले उसे हाईकोर्ट की अनुमति लेनी होगी |