सेना में 39 महिला अफसरों की सुप्रीम कोर्ट में बड़ी जीत, मिलेगा स्थायी कमीशन

नई दिल्ली. भारतीय सेना (Indian Army) की 39 महिला अफसरों को बड़ी जीत मिली है. इन सभी को अब स्थायी कमीशन मिलेगा. इस बात की जानकारी केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दी है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह भारतीय सेना की 39 महिला अफसरों को स्थायी कमीशन देगी. शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र इन महिला अफसरों को स्थायी कमीशन देने के आदेश जारी करे. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 25 महिला अफसरों को स्थायी कमीशन ना देने के कारणों के बारे में विस्तृत चार्ट देने का निर्देश भी दिया है.

स्थायी कमीशन का मतलब है सेना में रिटायर होने की उम्र तक काम करेंगे जबकि शॉर्ट सर्विस कमीशन 10 साल के लिए है, जिसमें 10 साल के अंत में स्थायी कमीशन छोड़ने या चुनने का विकल्प होता है. अगर किसी अधिकारी को स्थायी कमीशन नहीं मिलता है, तो अधिकारी चार साल का विस्तार चुन सकता है.कुल 71 शॉर्ट सर्विस कमीशन महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन नहीं दिया गया था जिसके खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट गईं थीं. केंद्र ने अदालत को बताया कि 71 अधिकारियों में से 39 को स्थायी कमीशन के लिए योग्य पाया गया. सात ‘मेडिकली अनफिट’ थे और 25 अधिकारियों के साथ ‘अनुशासन संबंधी समस्याएं’ थीं.

इन दो न्यायाधीशों की बेंच कर रही सुनवाई
कोर्ट ने 1 अक्टूबर को सरकार से कहा था कि वह किसी भी अधिकारी को सेवा से मुक्त न करे. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की दो जजों की बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी. मामले में महिला अधिकारियों का पक्ष रख रहीं सीनियर एडवोकेट्स वी मोहना, हुजेफा अहमदी और मीनाक्षी अरोड़ा ने अदालत को बताया था कि महिला अधिकारियों को अयोग्य बताया जाना मार्च में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ था.

इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सरकार को तीन महीने का समय दिया गया था. उस समय सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के लिए सेना के मूल्यांकन मानदंड ‘उनके खिलाफ व्यवस्थित रूप से भेदभाव’ है.

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