अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर आ गया बड़ा अपडेट;

इन नदियों पर नौ पुल तैयार, पहली पहाड़ी सुरंग भी बनी

अहमदाबाद से मुंबई तक बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का निर्माण एक बड़ी योजना थी, जो देश के पश्चिमी भागों को मजबूती और तेजी से जुड़ाई देने का प्रयास था। इस योजना का अंजाम सफलता के करीब था, जब बुलेट ट्रेन का मुख्य स्टेशन अहमदाबाद से लेकर मुंबई तक का सफर बहुत ही तेजी से होने वाला था।

इस योजना के तहत, एक बार फिर से इतिहास बनाने का समय आ गया था। अहमदाबाद से निकली गई पहली बुलेट ट्रेन ने अपनी रफ्तार से रेल मार्ग पर धूम मचा दी थी। इसके बाद, बार-बार स्टेशनों पर ठहरकर उसकी उत्कृष्ट सेवाएं और सुविधाएं लोगों को दिखाई दीं।

राजकोट, वलसाड, सूरत, वासई, ठाणे और उत्तर मुंबई – ये सभी स्टेशन बुलेट ट्रेन के मार्ग पर आते थे, जहां लोगों ने इस नई तकनीकी उपयोगिता का अनुभव किया। प्रत्येक स्टेशन पर ट्रेन का आगमन और प्रस्थान तेजी से होता था, जिससे यात्रियों को समय बचाने में मदद मिलती थी।

यात्रियों ने इस नए प्रणाली की सराहना की, क्योंकि इससे उन्हें लंबी दूरियों को तय करने में बहुत ही आसानी हो गई। बुलेट ट्रेन के इस परियोजना से न केवल दो शहरों के बीच संचार में वृद्धि हुई, बल्कि इसने राज्यों के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

बुलेट ट्रेन की इस सफलता के बाद, लोगों के बीच में यह विश्वास बढ़ गया कि तकनीकी प्रगति और विकास ही देश की प्रगति की मुख्य दिशा है। इस प्रकार, अहमदाबाद से मुंबई तक के इस बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के निर्माण ने देश को एक नई ऊंचाइयों पर ले जाने का सपना साकार किया।

2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया था जो भारत और जापान के बीच गहरी दोस्ती और सहयोग को स्थापित करने के लिए बड़ा माना गया। इस घटना ने दोनों देशों के बीच सामरिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूती से बढ़ाने का संकेत दिया।

आधारशिला रखने की इस घटना की शुरुआत जापान के तोक्यो ने की गई थी, जहां प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री आबे ने एक साझी समारोह में भाग लिया। इस समारोह में दोनों नेताओं ने भारतीय और जापानी संस्कृति के महत्व को साझा किया और दोनों देशों के बीच समर्थन और समझौते के सार्थक संकेत दिए।

आधारशिला रखने की इस पहल के माध्यम से, भारत और जापान के बीच रक्षा, आर्थिक विकास, और वैज्ञानिक अनुसंधान में सहयोग और गहराई से बढ़ावा मिला। यह समझौता भारतीय और जापानी नागरिकों के बीच भी गहराता चला गया और व्यक्तिगत, सांस्कृतिक और व्यापारिक विनिमय में सुधार लाया।

इस आधारशिला रखने के बाद, भारत और जापान के संबंधों में एक नया अध्याय शुरू हुआ और दोनों देशों के बीच विशेष रूप से सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और आर्थिक क्षेत्रों में सहयोग की दिशा में नयी ऊंचाइयों को प्राप्ति हुई। इस प्रकार, 2017 में भारत और जापान ने आपसी संबंधों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जिसने दोनों देशों के बीच एक नया समर्थन और विश्वास का संचार किया।

कुल 12 स्टेशनों का होगा निर्माण

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर पर 12 स्टेशन होंगे। इनमें आठ गुजरात और चार महाराष्ट्र में होंगे। गुजरात में साबरमती, अहमदाबाद, आनंद, वडोदरा, भरूच, सूरत, बिलिमोरा और वापी में स्टेशन होंगे। महाराष्ट्र में बोइसर, विरार, थाने और मुंबई में स्टेशन बनाए जाएंगे। एनएचएसआरसीएल ने कहा कि स्टेशनों का निर्माण तेजी से चल रहा है। गुजरात में सभी आठ स्टेशनों पर नींव का काम पूरा हो चुका है। यात्रियों को इन स्टेशनों पर आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी।

पहली पहाड़ी सुरंग बनकर हुई तैयार

वलसाड के जरोली गांव के पास 350 मीटर लंबी पहली पहाड़ी सुरंग पूरी हो गई है। इसके अलावा देश की पहली सात किलोमीटर लंबी समुद्र के नीचे रेल सुरंग पर काम शुरू हो गया है। यह सुरंग महाराष्ट्र में बीकेसी और शिलफाटा के बीच 21 किलोमीटर लंबी सुरंग का हिस्सा है।

सरकार का लक्ष्य 2026 तक सूरत और दक्षिण गुजरात के बिलिमोरा के बीच बुलेट ट्रेन का पहला चरण चलाने का है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के तत्कालीन पीएम शिंजो आबे ने 14 सितंबर 2017 को गुजरात में बुलेट ट्रेन परियोजना की आधारशिला रखी थी

 

 

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