हरियाणा में BJP के लुटेरे? बड़ा खुलासा…
मनोहर लाल के निकटतम जवाहर यादव ने osd पद से इस्तीफा देने के बाद गुरुग्राम के बादशाहपुर विधानसभा से तैयारी शुरू कर दी है । बादशाहपुर सीट से ही पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह भी चुनाव लडने की तैयारी में है।
हरियाणा में मोदी लहर के सहारे 2014 में भाजपा अपने बलबूते पर सत्ता में आई , उस समय मनोहर लाल खट्टर को प्रदेश की कमान सौंपी गई। मनोहर लाल के मुख्यमंत्री बनने पर विरोधियों ने उन्हें अनुभवहीन तक कहा परंतु 9 साल तक सत्ता में रहने के बाद मनोहरलाल खट्टर भी राजनीति के माहिर खिलाड़ी हो गए । मनोहर लाल के साथ-साथ उनकी सीएमओ टीम भी राजनीति के दावपेंच सीख गई। उनकी टीम में ओएसडी, निजी सचिव व राजनीतिक सलाहकार के नाम पर राजनीतिक नियुक्तियां की और अपने करीबियों को सीएमओ में एंट्री दिला दी।
अब टीम के आधा दर्जन से ज्यादा लोग विधानसभा की तैयारी में जुटे हैं। भ्रष्टाचार को मिटाने का नारा देते देते मुख्यमंत्री की टीम में शामिल महानुभावों ने इतने संसाधन जुटा लिए कि वे पार्टी के ही दिग्गज नेताओं की विधानसभा सीटों पर तैयारी में जुटे हैं। मनोहर लाल के osd रहे नीरज दफ्तरवाल पर भी कई तरह के आरोप लगे। झज्जर जिले में एक जमीन खरीद के मामले में भी उनके परिवार पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगा।
मनोहर लाल के निकटतम जवाहर यादव ने osd पद से इस्तीफा देने के बाद गुरुग्राम के बादशाहपुर विधानसभा से तैयारी शुरू कर दी है । बादशाहपुर सीट से ही पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह भी चुनाव लडने की तैयारी में है। जवाहर यादव का पैतृक गांव खैरा (दिल्ली ) है।
मनोहर लालके निजी सचिव रहे और मुख्यमंत्री नायब सैनी के osd अभिमन्यु यादव ने भी इस्तीफा देकर कोसली विधानसभा ताल ठोक दी है जबकि उनका पैतृक गांव पलड़ा जिला झज्जर में है। उनकी ससुराल गांव कंवाली कोसली विधानसभा के अंतर्गत आता है। कोसली सीट से ही केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव के भी चुनाव लड़ने की चर्चाएं हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की जन संवाद कार्यक्रम के दौरान अभिमन्यु यादव के महेंद्रगढ़ विधानसभा में कई जगह जलपान के कार्यक्रम रखे गए , उस समय यह चर्चा जोरों पर रही की है अभिमन्यु यादव महेंद्रगढ़ विधानसभा से चुनाव लड़ सकते हैं। अभिमन्यु यादव ने अब अहीरवाल की महत्वपूर्ण सीट कोसली से तैयारी शुरू कर दी है।
कृष्ण कुमार बेदी सीएम के राजनीतिक सचिव के पद पर तैनात थे। मूल रूप से शाहाबाद के रहने वाले बेदी ने भी चुनाव लड़ने की वजह से अपने पद त्याग दिया था। बेदी ने 2014 का विधानसभा चुनाव शाहबाद निर्वाचन क्षेत्र से लड़ा था और बमुश्किल 500 से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी और उन्हें राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। 2019 के विधानसभा चुनाव में वह उसी निर्वाचन क्षेत्र में जेजेपी के राम करण से हार गए थे। अब शाहाबाद क्षेत्र में सक्रिय हैं और वहां से चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जेटली इस समय दिल्ली में मुख्यमंत्री का मीडिया मैनेजमेंट संभालते हैं। बताया जा रहा है, कि वह फरीदाबाद की बड़खल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के राजनीतिक सचिव रहे अजय गौड़ उनके भरोसेमंद सहयोगियों में से एक हैं। उनका नाम हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर तेजी से चला था। उन्होंने पिछले साल ही अपने पद से इस्तीफा दिया था। सूत्रों ने जानकारी दी है कि वह फरीदाबाद से चुनाव लड़ना चाहते हैं। राजनीतिक सचिव के पद पर कार्यरत होने की वजह से वह अपने क्षेत्र में सक्रिय नहीं हो पा रहे थे। मनोहर लाल से आशीर्वाद मिलने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और वह क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की टीम में शामिल रहे अमरजीत सिंह भी कलानौर (रोहतक ) से चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। क्षेत्र के कामों के लिए लगातार मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिलते रहते हैं और कलानौर से उनके चुनाव लड़ने की चर्चाएं जोरों पर हैं।
भाजपा के पहले कार्यकाल में मुख्यमंत्री के osd रहे अमरेंद्र सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। वे भी बलिया (यूपी) से टिकट चाह रहे हैं। पिछले चुनाव में भी उन्होंने टिकट के लिए प्रयास किए थे परंतु उन्हें टिकट नहीं मिल पाया । अब दोबारा से वह वहां पर सक्रिय हैं और टिकट के लिए प्रयासरत है। मनोहर लाल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा बेशक दे दिया हो परंतु अफसर शाही और राजनीतिक गलियारों में आज भी उन्हें सुपर सीएम माना जाता है। सरकार के महत्वपूर्ण फैसलों में उनकी दखलअंदाजी रहती है। केंद्र सरकार में पॉवर मिनिस्टर बनने के बाद पार्टी हाई कमान ने उनकी पावर बढ़ा दी है , ऐसे में अब देखने वाली बात यही रहेगी की मनोहर लाल अपनी टीम को टिकट दिलाने में कितने कामयाब हो पाते हैं। चर्चा यह है कि इन सभी लोगों ने मनोहर लाल से हरी झंडी मिलने के बाद ही चुनावी मैदान में कूदने का मन बनाया है।