यूपी विधानसभा चुनाव में दिखा बड़ा बदलाव, केशव मौर्या से लेकर ये दिग्गज हारे

केशव प्रसाद मौर्या की हार यूपी चुनाव का सबसे बड़ा उलटफेर

लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम में भाजपा ने बाजी मारते हुए सत्‍ता पर फिर कब्‍जा कर लिया है. लेकिन जीत की रण में कई सियासी दिग्गज चित हो गए. सबसे पहले अगर बात करें योगी सरकार में डिप्टी सीएम और कौशांबी जिले की सिराथू सीट से भाजपा के कैंडिडेट केशव प्रसाद मौर्या की हार यूपी चुनाव का सबसे बड़ा उलटफेर है. उन्हें एक ऐसे कैंडिडेट ने हराया है जो पहली बार चुनावी मैदान में थीं. अपना दल कमेरावादी की पल्लवी पटेल ने मात दी है. हालांकि पल्लवी पटेल समाजवादी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ी थी.

 उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य

भारतीय जनता पार्टी ने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में सत्ता बरकरार रखी, लेकिन पिछले चुनावों की तुलना में सीटों की संख्या में गिरावट देखी गई, साथ ही कई शीर्ष नेताओं को हार का सामना करना पड़ा.सबसे ज्यादा नुकसान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को हुआ, जो सिराथू में समाजवादी पार्टी की पल्लवी पटेल से 7,337 मतों के अंतर से हार गए.

रामगोविंद चौधरी

बलिया जिले की बांसडीह सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रामगोविंद चौधरी पिछले कई चुनावों से लगातार जीतते आ रहे थे. इस बार उन्हें भाजपा की केतकी सिंह ने मात दे दी है. रामगोविंद चौधरी पिछली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे.

 स्वामी प्रसाद मौर्य

चुनाव से ऐन पहले पार्टी और अपनी सीट बदलने वाले पिछड़े वर्ग के कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्या भी हार गए. वह कुशीनगर की फाजिलनगर सीट से सपा के सिंबल पर चुनाव लड़े थे. पुराने बसपाई स्वामी प्रसाद मौर्य 2017 के चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे. वह पडरौना से विधायक थे और भाजपा सरकार में मंत्री भी बने थे लेकिन चुनाव से ठीक पहले उन्होंने भाजपा छोड़कर सपा का दामन थाम लिया था.

 कृष्णा पटेल

अपना दल कमेरावादी की अध्यक्ष कृष्णा पटेल प्रतापगढ़ की सदर सीट से चुनाव हार गई हैं. सपा गठबंधन से उन्होंने चुनाव लड़ा था. अपना दल कमेरावादी की अध्यक्ष कृष्णा सरोज प्रतापगढ़ सदर सीट पर भाजपा उम्मीदवार राजेंद्र मौर्य से 24 हजार 875 वोट से हार गई हैं.

 संजय सिंह

अमेठी राजघराने से ताल्लुक रखने वाले संजय सिंह भी चुनाव हार गए हैं. 2017 में उनकी पत्नी जागृति सिंह अमेठी से भाजपा के सिंबल पर चुनाव जीती थी. इस बार उनकी जगह संजय सिंह को भाजपा ने लड़ाया था. संजय सिंह को सपा सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की पत्नी महराजी प्रजापति ने मात दी है.

सुरेश राणा

थाना भवन विधानसभा में गन्ना मंत्री सुरेश कुमार राणा को राष्ट्रीय लोक दल के अशरफ अली खान ने 10,806 मतों के अंतर से हराया. थाना भवन सीट शामली जिले में आती है, यूपी में कई बहुचर्चित सीटों में एक थाना भवन का भी नाम है.

 रामवीर उपाध्याय

हाथरस की सादाबाद सीट से भाजपा के रामवीर उपाध्याय चुनाव हार गए हैं. 2017 में रामवीर उपाध्याय इसी सीट से बसपा से विधायक बने थे। चुनाव से पहले उन्होंने भाजपा ज्वाइन किया था.

अजय कुमार लल्लू

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू तीसरी सफलता हासिल नहीं कर पाए. कुशीनगर की तमकुहीराज से लल्लू को मात मिली है.

 गौरव वर्मा

बहराइच जिले की कैसरगंज सीट से योगी सरकार में मंत्री रहे मुकुट बिहारी वर्मा के बेटे गौरव वर्मा विधानसभा में अपनी सीट पक्की नहीं कर पाए. मुकुट बिहारी वर्मा ने अपनी जगह अपने बेटे को चुनाव लड़ाया था.

 श्याम सुंदर शर्मा

मथुरा जिले की मांट सीट से लगातार जीतते आ रहे श्याम सुंदर शर्मा चुनाव हार गए हैं. वह बसपा से विधायक थे और बसपा से ही चुनाव लड़े थे. मधुसूदन शर्मा पहले तृणमूल कांग्रेस और निर्दलीय इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं. उनकी हार चौंकाने वाली है.

 धर्म सिंह सैनी

योगी सरकार में मंत्री रहे और स्वामी प्रसाद मौर्या के साथ भाजपा को तिलांजलि देने वाले धर्म सिंह सैनी चुनाव हार गए हैं. वे नकुड विधानसभा से सपा के कैंडिडेट थे.

 मोती सिंह

योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री मोती सिंह प्रतापगढ़ की पट्टी सीट से चुनाव हार गए हैं प्रदेश के दिग्गज नेताओं में उनकी गिनती होती रही है.

 

Related Articles

Back to top button