BSP को बड़ा झटका, पूर्व सांसद ने छोड़ा साथ, नई पार्टी में होंगे शामिल

हाजी फजलुर्रहमान ने 2019 में बसपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा और बीजेपी के राघव लखनपाल और कांग्रेस के इमरान मसूद को हराकर सांसद बने।

पश्चिमी यूपी में बसपा को एक और बड़ा झटका लगा है। सहारनपुर से बीएसपी के पूर्व सांसद हाजी फजलुर्रहमान गुरुवार को सपा में शामिल होने जा रहे हैं। लखनऊ में आज दोपहर में वे सपा की साइकिल पर सवार होंगे। हाजी फजलुर्रहमान लखनऊ पहुंच गए हैं और आज सपा में शामिल हो जाएंगे।

हाजी फजलुर्रहमान ने 2019 में बसपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा और बीजेपी के राघव लखनपाल और कांग्रेस के इमरान मसूद को हराकर सांसद बने। हालांकि, इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला और 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के इमरान मसूद सांसद बन गए हैं। हाजी फजलुर्रहमान का सपा में जाना बसपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

हाजी फजलुर्रहमान ने सहारनपुर से महापौर का चुनाव भी लड़ा था, लेकिन वे चुनाव नहीं जीत पाए। 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ने के बाद वे सांसद बने। हालांकि, पिछले कुछ समय से वे बसपा में ज्यादा सक्रिय नहीं थे। चर्चा थी कि वे जल्द ही सपा में शामिल हो सकते हैं और आज यह चर्चा सत्य साबित हो गई।

पश्चिमी यूपी में बसपा को एक सप्ताह के भीतर दो बड़े झटके लगे हैं। बिजनौर लोकसभा सीट से चौधरी विजेंद्र सिंह ने 28 जून को बसपा को अलविदा कह दिया था। हालांकि, चौधरी विजेंद्र सिंह ने अभी कोई पार्टी ज्वाइन नहीं की है। अब सहारनपुर से पूर्व सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने भी बसपा को दूसरा झटका दे दिया। एक सप्ताह में दो नेताओं का बसपा छोड़ना पार्टी के लिए पश्चिमी यूपी में मुश्किलें खड़ी कर रहा है।

हाजी फजलुर्रहमान ने सपा में शामिल होने के फैसले के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि वे सपा की नीति और अखिलेश यादव के विजन से प्रभावित होकर पार्टी में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने बसपा में रही किसी भी समस्या के बारे में नहीं बताया, बल्कि बहनजी का शुक्रिया अदा किया कि उन्होंने उन्हें सांसद बनने का मौका दिया था। हाजी फजलुर्रहमान ने कहा कि पश्चिमी यूपी में बेरोजगारी बहुत है और अग्नीवीर योजना से मायूसी है। अब वे अखिलेश यादव के साथ मिलकर पश्चिम यूपी के मुद्दों को मजबूती से उठाने का संकल्प ले रहे हैं।

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