भोपाल : बिजली बिल की तरह ही मंडी शुल्क में कटौती भी चुनावी लॉलीपॉप साबित होगाः नरेन्द्र सलूजा

भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा उपचुनाव पर सियासी घमासान तेज हो गया है। राजनीतिक दलों में आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। वहीं कांग्रेस सत्ता वापसी के लिए भाजपा पर हमले बोल रही है और किसान मुद्दों को प्राथमिकता के साथ रही है। कांग्रेस ने अब मंडी शुल्क में कटौती पर सरकार को घेरा और इसे भी चुनावी लॉलीपाप करार दिया है। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि जिस तरह प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बिजली बिल को लेकर झूठ बोलकर प्रदेश की जनता के साथ बड़ा धोखा किया, वैसा ही धोखा मंडी शुल्क में कटौती के नाम पर व्यापारियों से भी किया है। उन्होंने कहा कि मंडी एक्ट लाकर व नये तीन किसान विरोधी काले क़ानून लाकर किसानो के साथ पहले से ही भाजपा धोखा कर चुकी है।

सलूजा ने गुरुवार को एक बयान जारी कर बताया कि शिवराज सिंह ने कोरोना महामारी में भारी भरकम बिजली बिलों की मार झेल रही जनता से पहले कहा था कि लॉकडाउन की अवधि के बिजली बिल माफ होंगे, बाद में पलट गये और कहा स्थगित होंगे, फिर कहां कुछ लोगों के एक किलो वाट तक के ही स्थगित होंगे, उनकी भी बाद में जांच करेंगे? वैसे ही उनकी दूसरी घोषणा मंडी शुल्क को 1.70 रुपये से कम कर 50 पेसे करने की, यह भी व्यापारियों के साथ सिर्फ़ धोखा है, यह भी सिर्फ़ चुनावी लोलीपॉप है क्योंकि शिवराज जी खुद यह स्पष्ट कर चुके है कि यह घोषणा अभी अस्थायी है, यह स्थायी नहीं है। बाद में घट-बढ़ यानि आय की समीक्षा कर इस पर निर्णय लेंगे? उन्होंने कहा कि इसी से समझा जा सकता है कि चुनाव निपटते ही राजस्व घाटे के नाम पर इस घोषणा को वापस ले लिया जायेगा। व्यापारियों के साथ बैठक में भी 28 उपचुनावों पर बात हुई, इसी से समझा जा सकता है कि यह सिर्फ़ चुनावी घोषणा है।

केन्द्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए सलूजा ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन काले कृषि कानूनों को लेकर देश भर में किसान पहले से ही आक्रोशित है, मंडी एक्ट से भी किसानों में भारी नाराजगी है और मंडी शुल्क में कमी की माँग को लेकर को लेकर व्यापारियों में भी नाराजगी थी, वो 12 दिन से हड़ताल पर थे। किसानों की उपज बिक नहीं पा रही थी, इसलिये आगामी उपचुनाव की दृष्टि से सिर्फ नाराजगी दूर करने के लिए यह घोषणा की गयी। यदि शिवराज सरकार किसानों व व्यापारियों की हितैषी है तो उसे केन्द्र सरकार के तीन काले क़ानूनों को प्रदेश में लागू नहीं करने का निर्णय लेना चाहिये, मॉडल मंडी एक्ट के निर्णय को वापस लेना चाहिये, मंडी शुल्क में स्थायी रूप से कमी का निर्णय लेना चाहिये।

सलूजा ने तंज कसते हुए कहा कि सभी जानते हैं शिवराज जी की घोषणाओं की स्थिति, उनकी वास्तविकता कि उनकी घोषणाएं कभी पूरी नहीं होती, कभी अमल में नहीं आती, कभी निर्णय नहीं बनती है, वह सिर्फ़ घोषणा बनकर ही रहती है। शिवराज सरकार किसान व व्यापारी दोनों विरोधी है।

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