‘लड़ाई बराबरी की होगी’, क्या भवानीपुर में ममता का खेल बिगाड़ पाएगी BJP
पश्चिम बंगाल की भवानीपुर विधानसभा सीट पर 30 सितंबर को उपचुनाव होगा जहां से राज्य की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी की चुनाव लड़ने की योजना है। निर्वाचन आयोग ने शनिवार को उपचुनाव की तारीख की घोषणा की। इधर, बीजेपी ने इस उपचुनाव के लिए कमर कस ली है। इस बीच राज्य के बीजेपी चीफ दिलीप घोष ने न्यूज 18 से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा है कि उनकी पार्टी ममता के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार खड़ा करेगी और मुकाबला बराबरी का होगा। घोष ने कहा – देखिए, अब उपचुनाव हो रहे हैं और हम अपनी पूरी ताकत से लड़ेंगे। हम पूरी तैयारी करेंगे। हम मुख्यमंत्री के खिलाफ बड़ा और मशहूर नाम को खड़ा करेंगे क्योंकि वह खुद भी बड़ा नाम हैं। लेकिन एक तथ्य ये भी है कि सीएम नंदीग्राम में चुनाव हार चुकी हैं। लड़ाई बराबरी की होगी। पार्टी इस बारे में जल्द ही फैसला करेगी।
उन्होंने चुनाव आयोग पर एक शख्स के लिए उपचुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग पर निशाना भी साधा। चुनाव आयोग के इस फैसले की बुनियाद हमारी समझ में नहीं आ रही है। पश्चिम बंगाल में दो विधानसभा क्षेत्र में दो उम्मीदवारों की मौत के बाद चुनाव नहीं हो पाए हैं। 5 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां विधायकों के इस्तीफे या मौत के कारण चुनाव होने हैं. लेकिन दो सीटों के साथ भबानीपुर सीट पर चुनाव आयोग ने उपचुनाव कराने का ऐलान किया है क्योंकि सीएम भबानीपुर सीट से चुनाव लड़ेंगी।
भवानीपुर के अलावा पश्चिम बंगाल की दो अन्य विधानसभा सीटों और ओडिशा की एक विधानसभा सीट पर भी 30 सितंबर को मतदान होगा, जहां संबंधित राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान स्थगित हो गया था। इस साल की शुरुआत में पश्चिम बंगाल में समसेरगंज और जंगीपुर और ओडिशा में पिपली विधानसभा सीट पर चुनाव प्रचार के दौरान उम्मीदवारों की मौत सहित विभिन्न कारणों से चुनाव नहीं हो सके। सभी चार सीटों पर मतगणना तीन अक्तूबर को होगी। निर्वाचन आयोग ने कहा कि उसने कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए बेहद सख्त मानदंड तय किए हैं। भवानीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव से ममता बनर्जी को राज्य विधानसभा का सदस्य बनने के लिए एक और मौका मिलेगा।
ममता बनर्जी नंदीग्राम में शुभेंदु अधिकारी से चुनाव हार गईं थीं
बनर्जी इस साल की शुरुआत में हुए राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी पारंपरिक भवानीपुर सीट को छोड़कर चुनाव लड़ने के लिए नंदीग्राम चली गई थीं, लेकिन वह शुभेंदु अधिकारी से हार गईं जिन्होंने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। अधिकारी अब पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। चुनाव परिणामों के बाद बनर्जी चुनाव लड़ सकें इसके लिए भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र के तृणमूल विधायक शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने यह सीट खाली कर दी। बनर्जी 2011 के बाद से दो बार भवानीपुर से चुनाव जीत चुकी हैं।
पांच नवंबर तक राज्य विधानसभा का सदस्य बनना होगा
निर्वाचन आयोग की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने सूचित किया है कि प्रशासनिक जरूरतों और जनहित को देखते हुए और राज्य में एक शून्यता से बचने के लिए भवानीपुर में उपचुनाव कराया जा सकता है, जहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ने का इरादा रखती हैं। बनर्जी को पांच नवंबर तक राज्य विधानसभा का सदस्य बनना होगा। पश्चिम बंगाल के समसेरगंज और जंगीपुर और ओडिशा के पिपली में विधानसभा चुनाव कराने के अपने फैसले का जिक्र करते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि इन तीन सीटों के लिए उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों ने पहले ही 29 अप्रैल से तीन मई तक प्रचार की अवधि का लाभ उठा लिया है। इस साल इन सीटों पर 20 सितंबर से ही चुनाव प्रचार की इजाजत होगी। जिन सीटों पर उपचुनाव होने हैं, वहां से मिली सूचना के आधार पर निर्वाचना आयोग ने कहा कि उसने कोविड की स्थिति, बाढ़ एवं आगामी त्योहारों के मद्देनजर अन्य 31 विधानसभा क्षेत्रों और तीन संसदीय क्षेत्रों (देश भर में) में उपचुनाव नहीं कराने का फैसला किया है।