पंजाब में मेयर का ‘तालीबानी’ फरमान:बठिंडा की मेयर ने कहा
चप्पल और निक्कर पहनकर नगर निगम में न आएं; लोग बोले- गरीब आदमी कहां से जूते लाए
बठिंडा नगर निगम की कांग्रेसी मेयर का तालीबानी फरमान सामने आया है। मेयर ने ऑर्डर निकाल दिया कि कोई भी व्यक्ति निगम में निक्कर, कैप्री या चप्पल पहनकर नहीं आएगा। इस बाबत गेट पर सिक्योरिटी गार्ड को भी हिदायत दे दी है। निक्कर व कैप्री वाले ऑर्डर से लोग फिर भी सहमत हैं लेकिन चप्पलों पर रोक से नाराजगी है। लाेग कह रहे हैं कि रिक्शा, रेहड़ी वाला गरीब आदमी कहां से जूते लाएगा। यह आदेश जून महीने में निकाला गया था, हालांकि सार्वजनिक व लागू अब हुआ है। जिस वजह से लोग मेयर की जमकर आलोचना कर रहे हैं।
महिला मेयर रमन गोयल के आदेश के मुताबिक, मेयर ऑफिस में बुलाने पर कई कर्मचारी निक्कर या चप्पल पहनकर आ जाते हैं। इसी तरह आम लोग भी नगर निगम में आ जाते हैं। इससे ऑफिस की मर्यादा भंग होती है। इससे निगम का भी अक्स खराब हाेता है। उन्होंने आदेश दे दिया कि निक्कर या हवाई चप्पल पहनकर आने वालों को ऑफिस आने से रोका जाए।
हमें तो मिलते ही चप्पल के पैसे हैं : वीरभान, सफाई कर्मचारी यूनियन
सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान वीरभान ने कहा कि निक्कर न पहनने का आदेश ठीक है लेकिन जूतें कहां से जाएं। उन्हें गर्मियों में मिलने वाली ड्रेस के साथ तो चप्पल के ही पैसे मिलते हैं। इसलिए सफाई कर्मी चप्पल पहनते हैं। चप्पल पहनकर आने पर रोक सरासर गलत है।
लोग तो अपने स्कूली बच्चों के लिए जूता नहीं खरीद पाते : सोनू माहेश्वरी
बठिंडा की नौजवान वेलफेयर सोसाइटी के प्रधान स्टेट अवार्डी सोनू माहेश्वरी ने कहा कि निक्कर वाला फैसला ठीक हो सकता है लेकिन चप्पल वाले पर सोचना चाहिए। रिक्शा, रेहड़ी वालों के साथ कुछ काम चप्पल पहनकर ही हो सकते हैं। अगर उन्हें ड्यूटी टाइम में मेयर से मिलना हो या निगम ऑफिस आना पड़े तो क्या वो जूते पहनने घर जाएंगे। लोगों के हालात तो पहले ही बुरे हैं। वो अपने स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के लिए जूते नहीं खरीद पाते। अगर निगम को इतना बुरा लग रहा है तो चप्पल में आने वालों को वो गेट पर ही नए जूते उपलब्ध करवा दें।
चप्पल का आदेश नहीं था, रोक हटाने को कह दिया है : मेयर
इस बारे में मेयर रमन गोयल ने कहा कि कुछ लोग शौकिया तौर पर निक्कर पहनकर ऑफिस आ जाते थे। जिस वजह से महिला कर्मचारी असहज होती थी। इसलिए यह आदेश निक्कर न पहनकर आने के लिए दिया था। इसमें चप्पल का आदेश नहीं दिया गया। आदेश को लेकर कोई असमंजस हो सकता है। उन्होंने फिलहाल यह सभी रोक हटाने के लिए कह दिया है।