महाराष्ट्र के नए राज्यपाल ने इस वजह से दिया बीजेपी से इस्तीफा

हाल ही में महाराष्ट्र के राज्यपाल की पदवी सँभालने वाले भगत सिंह कोश्यारी ने बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। कोश्यारी ने सोमवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट को इस्तीफ़ा सौंप दिया। राज्यपाल(Governer) जैसे संवैधानिक पद पर नियुक्ति के बाद किसी राजनैतिक दल के सदस्य न रहने के अनिवार्यता के चलते यह कदम उठाया गया है।

महाराष्ट्र राज्य का राज्यपाल नियुक्त किए जाने के बाद पूर्व उत्तराखंड मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी(Bhagat Singh Koshyari) को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ था। आम लोग, पार्टी कार्यकर्ता के साथ विपक्षियों ने भी उन्हें बधाई दी। कोश्यारी को बधाई देने वालों में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य मे नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश भी शामिल थे। वहीँ कोश्यारी ने नई जिम्मेदारी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का आभार जताया। उन्होंने कहा कि देश के आर्थिक रूप से सशक्त राज्यों में महाराष्ट्र(Maharashtra) नंबर एक स्थान पर है। मेरी कोशिश रहेगी कि महाराष्ट्र की आर्थिक मजबूती का फायदा उत्तराखंड को पहुंचा पाऊं। वहां के बड़े निवेशकों को उत्तराखंड(Uttarakhand) लाने की कोशिश रहेगी। इससे दोनों राज्य के परस्पर संबंध बेहतर होंगे। दून स्थिटी उनके घर से उन्होंने कहा कि शपथ लेने के लिए वे जल्द महाराष्ट्र रवाना होंगे। माना जा रहा कि अगले दो-तीन दिन के भीतर वह महाराष्ट्र के राज्यपाल पद की शपथ ले सकते हैं।

इसके बाद भगत सिंह कोश्यारी ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट को अपने देहरादून स्थित आवास पर अपना इस्तीफा सौंपा। इस इस्तीफे से उनकी बीजेपी(BJP) पार्टी में प्राथमिक सदस्यता ख़त्म हो गई है। उन्होंने ऐसा संवैधानिक कारणों के चलते किया। भारतीय संविधान के अनुसार किसी भी राज्य का संवैधानिक प्रमुख किसी राजनितिक दल का सदस्य नहीं हो सकता। इसे देखते हुए ही महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त होने के बाद कोश्यारी ने देहरादून में भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया।

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