Beijing का वायु प्रदूषण के खिलाफ युद्ध: दिल्ली के लिए सबक

Beijing , जो 2015 में 144 के वार्षिक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के साथ उतना ही प्रदूषित था जितना कि 2024 में दिल्ली (155 AQI), ने वायु प्रदूषण को कम करने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।

Beijing , जो 2015 में 144 के वार्षिक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के साथ उतना ही प्रदूषित था जितना कि 2024 में दिल्ली (155 AQI), ने वायु प्रदूषण को कम करने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। बीजिंग ने अपने प्रदूषण स्तर को एक-तिहाई तक घटा लिया, जिसमें 2013 से 2017 के बीच सबसे बड़ा सुधार देखा गया। इसे “वायु प्रदूषण के खिलाफ युद्ध” कहा गया।

Beijing का वायु प्रदूषण नियंत्रण कार्यक्रम

1. 1998 में शुरुआत

बीजिंग ने 1998 में अपने वायु प्रदूषण नियंत्रण कार्यक्रम की नींव रखी। इस प्रारंभिक चरण में उद्योगों को पर्यावरण-अनुकूल बनाने और कोयले के उपयोग को नियंत्रित करने पर जोर दिया गया।

2. आक्रामक सुधार (2013-2017)

इस अवधि में बीजिंग ने कई सख्त कदम उठाए, जैसे:

  • कोयले का स्थानांतरण: कोयले पर निर्भरता घटाकर स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों का उपयोग।
  • वाहनों पर प्रतिबंध: पुरानी और अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों को सड़कों से हटाया गया।
  • औद्योगिक उत्सर्जन पर नियंत्रण: कारखानों में सख्त उत्सर्जन मानकों को लागू किया गया।
  • हरे क्षेत्र का विस्तार: शहर के चारों ओर पेड़ लगाए गए और हरित क्षेत्र बढ़ाए गए।

3. प्रभावशाली निगरानी और कानून का कार्यान्वयन

Beijing ने अपने वायु प्रदूषण कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की।

दिल्ली के लिए सबक

Beijing और दिल्ली, दोनों उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं की राजधानी हैं। इसलिए बीजिंग का अनुभव दिल्ली के लिए एक आदर्श मॉडल हो सकता है। दिल्ली के लिए महत्वपूर्ण सबक निम्नलिखित हैं:

1. नीति और नियमन का कड़ा कार्यान्वयन

दिल्ली को औद्योगिक उत्सर्जन और कोयले पर निर्भरता को कम करने के लिए कठोर नीतियों को लागू करना होगा।

2. स्वच्छ ऊर्जा में परिवर्तन

दिल्ली को Beijing की तरह स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को अपनाना चाहिए और कोयले पर निर्भरता घटानी चाहिए।

3. वाहनों के लिए कड़े मानक

पुराने और प्रदूषणकारी वाहनों को सड़कों से हटाने के साथ-साथ सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना आवश्यक है।

4. हरित क्षेत्र का विस्तार

दिल्ली को अपने हरित क्षेत्र का विस्तार करना चाहिए और वृक्षारोपण अभियानों को प्राथमिकता देनी चाहिए।

5. प्रभावी निगरानी प्रणाली

Beijing की तरह दिल्ली को भी उन्नत तकनीकों का उपयोग करके प्रदूषण के स्रोतों पर निगरानी रखनी होगी।

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Beijing ने दिखा दिया है कि यदि मजबूत नीतियां, प्रभावी कार्यान्वयन, और सामाजिक जागरूकता को एक साथ लाया जाए, तो वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सकता है। दिल्ली को भी अपने पर्यावरणीय संकट को हल करने के लिए इसी तरह की दृढ़ता और समर्पण की आवश्यकता है। बीजिंग का उदाहरण न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह प्रदर्शित करता है कि सही दिशा में उठाए गए कदम सकारात्मक परिणाम दे सकते हैं।

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