
वाशिंगटन। अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित सैक्रामेंटो में BAPS हिंदू मंदिर को हाल ही में असामाजिक तत्वों ने निशाना बनाया है। मंदिर की दीवार पर “हिंदुओं वापस जाओ” जैसे नफरती नारे लिखे गए हैं। यह घटना पिछले 10 दिनों में हिंदू मंदिरों पर होने वाला दूसरा हमला है, जिससे हिंदू समुदाय में गहरा आक्रोश उत्पन्न हुआ है।
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मंदिर प्रशासन ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा है कि हम हिंदुओं के प्रति फैल रही नफरत के खिलाफ एकजुट हैं। पिछले 10 दिन पहले न्यूयॉर्क में भी एक हिंदू मंदिर को इसी प्रकार के हमले का सामना करना पड़ा था। यह लगातार हो रही घटनाएं न केवल हिंदू समुदाय के लिए चिंता का विषय हैं, बल्कि अमेरिका में धार्मिक सहिष्णुता के सिद्धांत पर भी सवाल उठाती हैं।
हिंदू मंदिरों पर हमले की बढ़ती घटनाओं ने अमेरिकी हिंदू समुदाय में रोष और चिंता को जन्म दिया है। मंदिर प्रशासन ने कहा कि वे इस मामले की गंभीरता से लेते हुए कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इस प्रकार की घटनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि सभी समुदायों को सुरक्षित और सम्मानित महसूस हो सके।
इस नफरतपूर्ण हमले के बाद, हिंदू समुदाय ने एकजुट होकर इस प्रकार की हिंसा और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने का निर्णय लिया है। समुदाय के नेता और संगठन इस मुद्दे को उठाने के लिए आगे आए हैं, ताकि समानता और सहिष्णुता के मूल्यों की रक्षा की जा सके। इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर एक ठोस नीति की आवश्यकता है।
BAPS का मुख्यालय गुजरात में स्थित है, और इसके उत्तरी अमेरिका में 100 से अधिक मंदिर और केंद्र हैं। पिछले वर्ष, संगठन ने न्यू जर्सी में अक्षरधाम मंदिर खोला, जो भारत के बाहर का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है। BAPS एक गैर-राजनीतिक संगठन है।