बंसी वाले बाबा के अंतिम यात्रा का पुष्प वर्षा से स्वागत, हजारों की संख्या में लोगों ने दी श्रद्धांजलि
सहारनपुर सरसावा सौरणा से यमुना नदी राज घाट तक करीब 8 किलोमीटर के रास्ते से पैदल चल साढ़े तीन धंटे में यमुना नदी राज घाट पहुची बाबा बंशीवाले की शव यात्रा का गगनभेदी जयकारों मंत्रोच्चारण के साथ श्रद्धलुओं ने नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। शाम करीब 6 बजे बाबा के पार्थिक शरीर को मुखाग्नि दी गई। ग्राम सौरणा हनुमान मंदिर से संत शिरोमणि बाबा बंशीवाले की शव यात्रा सौरणा, सरसोहेड़ी, बलवन्तपुर, गोविन्दपुर, सरसावा, जलालपुर, शाहजहापुर, भक्खनपुर आदि स्थानों पर लोगो ने जगह जगह खड़े होकर नमः आखों से श्रद्धांजलि दी। करीब साढ़े पांच बजे जैसे ही यमुना नदी राज घाट शव यात्रा पहुची तो हजारों की संख्या में मौजूद लोगो ने गगनभेदी नारो व मंत्रोच्चारण के साथ बाबा को नमः आखों से श्रद्धांजलि दी। इसके पश्चात करीब 6 बजे के चंदन व तुलसा की लकड़ी के साथ तैयार की गई चिता पर बाबा के शव को रखा गया तथा गाँव सौरणा के पंडित रविन्द्र शर्मा व विनय चौधरी ने सयुक्त रूप से मुखाग्नि दी। इस मौके पर भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। बाबा बंसीवाले के पंचतत्व में लीन होने की सूचना जैसे ही उनके भक्तों को लगी तो हजारों की संख्या में उनके भक्त ग्राम सौरणा स्थित हनुमान मंदिर में उनके अंतिम दर्शनों को दौड़ पड़े। यूपी , हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल से हजारों की तादात में श्रद्धालू बाबा के अंतिम दर्शन पाने को बेताब नजर आए वही सांसद प्रदीप चौधरी, आयुष मंत्री डॉ धर्मसिंह सैनी आदि ने भी बाबा के पार्थिक शरीर के दर्शन करते उन्हें श्रद्धांजलि दी।
सरसावा ग्राम सौरणा निवासी विनय चौधरी ने बताया कि बाबा हरिद्वार आश्रम में होने वाले मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में गए थे जहाँ पर शाम के समय अचानक बाबा की तबियत खराब हो गई जिन्हें आनन फानन में सहारनपुर के मेडिग्राम अस्पताल लाया गया जहाँ शाम के करीब साढ़े 6 बजे बाबा ठाकुर जी के चरणों मे लीन हो गए।