चंपावत में छात्रवृत्ति घोटाले में बैंक प्रबंधक, सरकारी अधिकारी समेत दो गिरफ्तार

नैनीताल, उत्तराखंड के चंपावत में पुलिस ने छात्रवृत्ति घोटाले के आरोप में दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में पहले ही छह लोगों के खिलाफ विशेष जांच दल (एसआईटी) कार्रवाई अमल में लायी गयी है। गिरफ्तार आरोपियों में बैंक ऑफ बड़ौदा का प्रबंधक और एक अन्य सरकारी अधिकारी शामिल है।


चंपावत के एसआईटी की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार छात्रवृत्ति घोटाले के आरोप में दो साल पहले 15 दिसंबर 2019 को एसआईटी की ओर से बनबसा स्थित देवभूमि विद्यापीठ के संचालक चैरब जैन और अन्य सात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। जांच के बाद एसआईटी चंपावत के सहायक समाज कल्याण अधिकारी गोपाल सिंह राणा के अलावा दो अन्य आरोपियों मुकेश कुमार और प्रदीप कुमार को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

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इसी मामले में मुख्य आरोपी चैरव जैन, अनिल गोयल और गौरव जैन एसआईटी के रडार पर हैं और उन्होंने उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत ले रखी है। जांच के बाद इसी मामले में एसआईटी को हाल ही में विकास भवन रुद्रपुर में तैनात मोहन सिंह पुत्र भवान सिंह, निवासी राजीव नगर, खटीमा एवं सितारगंज बैंक आफ बड़ौदा के प्रबंधक विशाल सिंह पुत्र इंद्रलाल सिंह, निवासी आदर्श नगर, लखीमपुर खीरी उप्र के खिलाफ तथ्य हाथ लगे हैं।


जिसके बाद एसआईटी की ओर से दोनों आरोपियों को बुधवार को पूछताछ के लिये बनबसा थाना बुलाया गया। जांच के बाद एसआईटी ने दोनों को देर रात को गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि दोनों की ओर से छात्रों को मिलने वाले एटीएम का गलत तरीके से सत्यापन किया गया।


उल्लेखनीय है कि पूरे प्रदेश में छात्रवृत्ति घोटाले की जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में एसआईटी की ओर से की जा रही है। इस मामले में अभी तक कई लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। राज्य में 500 करोड़ रुपये से अधिक के इस घोटाले में एससी-एसटी के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में घोटाला किया गया है। यह घोटाला वर्ष 2002-03 के बाद सामने आयी है। इस मामले में उच्च पदों पर बैठे सरकारी अधिकारी भी पुलिस की रडार पर हैं।

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