पश्चिम बंगाल में उपचुनाव की तैयारी:TMC नेताओं की चुनाव आयोग से मीटिंग के दो दिन बाद चीफ इलेक्शन ऑफिसर की चिट्ठी; कहा- EVM और VVPAT की जांच हो
पश्चिम बंगाल में उपचुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। इसकी तैयारियों के मद्देनजर चीफ इलेक्शन ऑफिसर (CEO) ने डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर (DEO) को चिट्ठी लिखी है। मुख्य चुनाव अधिकारी आरिज आफताब ने कूच बिहार, दक्षिण कोलकाता, दक्षिण और उत्तर 24 परगना और नादिया के जिला चुनाव अधिकारियों को चिट्ठी लिखकर राज्य विधानसभा के उपचुनाव के लिए EVM और VVPAT की जांच शुरू करने के लिए कहा है।
7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव
बंगाल में खड़दह, समशेरगंज, जंगीपुर, शांतिपुर, भवानीपुर, दिनहाटा और गोसाबा विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। नंदीग्राम में हार का सामना करने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी भवानीपुर से उपचुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं।
दरअसल, पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए ममता बनर्जी के लिए उपचुनाव अहम हैं। ममता मौजूदा समय में विधानसभा की सदस्य नहीं हैं, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें 6 महीने के अंदर विधानसभा का सदस्य बनना होगा वरना उनकी कुर्सी पर संकट आ सकता है।
भवानीपुर से चुनाव लड़ सकती हैं ममता
हाल में ममता के मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने भवानीपुर विधानसभा सीट के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद यह विधानसभा सीट खाली हो गई थी। ऐसा माना जा रहा है कि ममता भवानीपुर से ही उपचुनाव लड़ेंगी।
चुनाव आयोग से मिला था TMC प्रतिनिधिमंडल
इसी सिलसिले में 15 जुलाई को तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग पहुंचा था। मुलाकात के बाद लोकसभा में TMC के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा था कि यह कानूनी बाध्यता है कि 6 महीने के अंदर चुनाव करना ही होगा। यह जनप्रतिनिधि कानून में भी प्रावधान है। पूरे देश में 20 सीटों पर उपचुनाव कराना है। किसी जगह संवैधानिक संकट पैदा हो। ऐसा हम नहीं चाहते हैं।
TMC सांसद सौगत रॉय ने कहा कि हमने चुनाव कराने के लिए मुख्य चुनाव आयोग के फुल बेंच से निवेदन किया। कोरोना के हालात बंगाल में अब पहले से बेहतर हैं। निश्चित रूप से चुनाव आयोग नहीं चाहेगा कि संवैधानिक संकट खड़ा हो।