Banana 52 करोड़ रुपये में बिका: जानिए क्यों
Banana दीवार पर चिपकाया गया है, को सोथबी की नीलामी में ₹52.35 करोड़ (6.2 मिलियन डॉलर) में बेचा गया।
दुनिया भर में कला, मूल्य और धारणा को लेकर विवाद और चर्चा का कारण बना एक कला , जिसमें एक पीला Banana दीवार पर चिपकाया गया है, को सोथबी की नीलामी में ₹52.35 करोड़ (6.2 मिलियन डॉलर) में बेचा गया। इस कला को “कॉमेडियन” (Comedian) नाम दिया गया है और इसे इतालवी कलाकार मौरिज़ियो कैटेलान द्वारा बनाया गया है। इस रचनात्मक और विवादास्पद कला ने कला की परिभाषा और इसके मूल्य को लेकर वैश्विक बहस छेड़ दी है।
1. कला की अनूठी परिभाषा
मौरिज़ियो कैटेलान के “कॉमेडियन” ने कला की पारंपरिक सीमाओं को चुनौती दी है। इस कला के टुकड़े में एक साधारण पीला Banana है जिसे एक दीवार पर डक्ट टेप से चिपकाया गया है। इस साधारण और किसी भी तरह से ‘अर्थपूर्ण’ प्रतीत होने वाले अवयव के साथ, कैटेलान ने कला की पारंपरिक परिभाषा को नकारते हुए यह सवाल उठाया है कि कला क्या होती है और इसका मूल्य कैसे तय होता है। यह काम देखने में साधारण लगता है, लेकिन इसके पीछे की अवधारणा और इसके साथ जुड़ी किट्सच और असामान्य प्रस्तुति ने इसे कला प्रेमियों और आलोचकों दोनों के बीच एक चर्चा का विषय बना दिया।
2. Banana नीलामी में बिकने वाली असामान्य कला
“कॉमेडियन” की नीलामी के दौरान इसका मूल्य 6.2 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो ₹52 करोड़ के आसपास है। यह मूल्य कई लोगों के लिए हैरान करने वाला था क्योंकि कला में केवल एक केला और कुछ डक्ट टेप था। हालांकि, Banana बिक्री की ऊंची कीमत के पीछे की वजह यह है कि कला की असामान्य प्रस्तुति, इसके सामाजिक और सांस्कृतिक संदर्भ, और नीलामी में भाग लेने वाले संग्रहकर्ताओं की विशेष रुचि ने इसे एक दुर्लभ और मूल्यवान कला के रूप में प्रस्तुत किया। इस कृति ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि कला का मूल्य हमेशा सामग्री से नहीं, बल्कि उसके संदर्भ और निर्माता की प्रतिष्ठा से जुड़ा होता है।
3. 2019 में पहली बार प्रदर्शित
“कॉमेडियन” ने पहली बार 2019 में आर्ट बेसल मियामी बीच में सार्वजनिक प्रदर्शनी देखी थी। इसकी प्रदर्शनी के दौरान यह एक सांस्कृतिक घटना बन गई थी, जिसमें दर्शकों और आलोचकों दोनों ने इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी थीं। इस कला कृति का उद्देश्य कला की धारा को चुनौती देना था, और इसे देखने वाले लोगों ने इसे कला का ‘नया रूप’ माना था। कैटेलान के लिए, यह कला नहीं बल्कि विचार का हिस्सा था, जो दर्शकों के मन में कला के बारे में सोचने की नई दिशा उत्पन्न करता था।
4. कला में व्यंग्य और विवाद
कैटेलान की कला में हमेशा व्यंग्यात्मक तत्व होते हैं, और “कॉमेडियन” में भी यही देखने को मिलता है। इस कला में दिखाए गए Banana को कैटेलान ने एक प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया, जो अक्सर हास्य, अव्यवस्था और असामान्यता का प्रतीक होता है। इस काम के माध्यम से कैटेलान ने उन धाराओं और परंपराओं को चुनौती दी जो कला को एक गंभीर और ‘आधिकारिक’ रूप में देखती हैं। यह कला, जिसके बारे में कुछ लोग सवाल उठाते हैं, दूसरों के लिए एक “महाकाव्य” बन जाती है।
5. कला के मूल्य पर बहस
इस नीलामी के बाद, “कॉमेडियन” की बिक्री ने कला के मूल्य को लेकर वैश्विक बहस शुरू कर दी है। क्या कला का मूल्य केवल इसके भौतिक रूप पर निर्भर करता है या इसके विचार और संदर्भ पर? क्या केवल एक प्रसिद्ध कलाकार की प्रतिष्ठा कला के मूल्य को निर्धारित करती है? इन सवालों ने कला प्रेमियों, नीलामी घरों, और सामान्य जनता को उलझन में डाल दिया है। कैटेलान ने अपने काम से यह साबित कर दिया है कि कला केवल दिखावे का विषय नहीं है, बल्कि यह विचारों, आलोचनाओं और भावनाओं का संग्रह है।
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कला का मूल्य और इसका प्रभाव
मौरिज़ियो कैटेलान का “कॉमेडियन” एक ऐतिहासिक कला टुकड़ा बन गया है, जो साधारण चीजों को असाधारण रूप में प्रस्तुत करता है। इस Banana कला कृति ने यह साबित किया कि कला का मूल्य केवल भौतिक रूप से नहीं, बल्कि इसके सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, और मानसिक प्रभाव से तय होता है। जहां कुछ लोग इसे फिजूल और व्यंग्य मानते हैं, वहीं कुछ इसे कला की नई परिभाषा मानते हैं। “कॉमेडियन” ने कला की दुनिया में एक नई बहस शुरू की है, जो आगे भी जारी रहेगी।