बागपत : दुष्कर्म के दोषी को दस वर्ष की सजा
बागपत। एडीजे फटीसी प्रथम (महिला उत्पीड़न)मीताली गोविंद राव ने आरोप सिद्ध हो जाने के बाद दुष्कर्म के दोषी को दस वर्ष की कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा कोर्ट ने दोषी पर 17 हजार रुपये का अर्थदण्ड भी लगाया है और अर्थदण्ड न देने पर दोषी को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
इस संबंध में एडीजीसी अनुज ढाका व सुभाष तोमर ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2015 में थाना सिंघावली अहीर क्षेत्र के गांव तेड़ा में खेत में जा रही एक नाबालिग लड़की के साथ हलन पुत्र राजवीर ने जबरन दुष्कर्म किया था। पीड़ित परिजनों ने इस संबंध में थाना सिंघावली अहीर में आरोपित के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने पॉस्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करके आरोपित को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया था।
इस मामले की सुनवाई एडीजे फॉस्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम (महिला उत्पीड़न) मीताली गोविंद राव की अदालत में चली। सुवाई के दौरान लड़की बालिग निकली। इसे देखते हुए कोर्ट ने पॉस्को एक्ट को निरस्त कर दिया। साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट नें आरोपित को दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए उसे दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर 17 हजार रुपये का अर्थदण्ड भी लगाया। दोषी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।